उत्तराखंड के शिक्षक रमेश बड़ोनी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर देश का नाम भी किया रोशन, पढ़िए खबर
उत्तराखंड राज्य से शिक्षक रमेश प्रसाद बडोनी एवं भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता का चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2020- 21 के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से आयोजित प्रतियोगिता ‘फुलब्राइट डिस्टिंग्विश्ड अवॉर्ड इन टीचिंग प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल टीचर’ के लिए हुआ है।
उल्लेखनीय है कि राज्य से पहली बार किसी शिक्षक का इस प्रतियोगिता में चयन किया गया है। वरीयता में तीसरा स्थान प्राप्त करना उत्तराखंड राज्य के साथ ही शिक्षा जगत के लिए भी गौरवशाली पल है। इंडो-यूएस’ फेलोशिप अवार्ड के लिए भारत से दो शिक्षकों का दुनिया के 40 सर्वोत्तम शिक्षकों की सूची में जगह बनाना अपने आप में गौरवान्वित करता है।
ज्ञातव्य है कि फुलब्राइट डीएआई परीक्षा में दुनियाभर के शिक्षक आवेदन करते हैं। इसकी जटिल चयन प्रक्रिया तीन चरणों में होती है। जिसमें स्क्रीनिंग टेस्ट, टॉफेल एग्जाम, कॉन्फ्रेंस इंटरव्यू और उत्कृष्ट अंकों के आधार पर कॉन्फ्रेंस सिलेक्शन किया जाता है। तत्पश्चात अंतिम चरण में अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में शैक्षिक उन्नयन हेतु तकनीकी आयामों पर शोध और परीक्षण प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को आमंत्रित कर प्रतिभाग करने का मौका दिया जाता है। इसके तहत शिक्षा में गुणवत्ता नवाचार के लिए शोध कार्य और संवर्धन तकनीकी पर शिक्षकों का योगदान प्राप्त किया जाता है।
चयनित शिक्षक के सभी प्रकार के खर्चे संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार वहन करती है। इस प्रतियोगिता में चयनित शिक्षकों को अपने राज्य के लिए शिक्षकों और छात्रों की गुणवत्ता शिक्षा के लिए ऐसे संसाधन तैयार करना होता है जो उनके प्रदेश या देश की शिक्षा में अमूल्य योगदान दे सकें। रमेश प्रसाद बडोनी को पहले भी दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्राप्त हो चुका है। वर्तमान में रमेश प्रसाद बडोनी देहरादून स्थित सहसपुर क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेज मिसरास पट्टी में प्रवक्ता फिजिक्स पद पर कार्यरत है। उनकी ओर से नए-नए क्षेत्रों में नवाचार, देश और राज्य सरकार और शैक्षिक समुदायों को प्राप्त हो रहे हैं। जिनमें ऑनलाइन शिक्षण भारत सरकार के स्वयं प्लेटफार्म पर और गूगल शिक्षा के लिए योगदान सम्मिलित है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कमलेश्वर भट्ट ने बताया कि रमेश बड़ोनी इन्नोवेटिव व प्रतिष्ठित शिक्षक हैं। बच्चों के प्रति समर्पित बड़ोनी वर्ष 2006 से ही शिक्षण कार्य में पारंपरिक तरीके के साथ तकनीकी शिक्षा देने के पक्षधर रहे हैं। तब जबकि बच्चों के लिए मोबाइल फोन पूर्णतः प्रतिवन्धित था। आज कोरोना कॉल में ऑनलाइन शिक्षण जरूरत होती जा रही है। दुर्गम क्षेत्रों में आज भी वीक टॉवर और नेटवर्क की समस्या बनी हुई है किन्तु इस प्रकार के प्रयास निश्चित तौर पर आशातीत होंगे।
बड़ोनी की इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक साथियों कमलेश्वर भट्ट, सुप्रिय बहुखंड़ी, परमवीर कठैत, जगदम्बा डोभाल सहित तमाम शिक्षकों ने हर्ष जताते हुए बधाई दी, उन्होंने कहा कि यह सम्मान अभिभावकों में राजकीय विद्यालयों के प्रति विश्वास बढ़ाएगा।