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September 17, 2024

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से युवाओं का उठा विश्वास, 46 फीसद ने छोड़ी पुलिस दूरसंचार विभाग की लिखित परीक्षा

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भर्ती घोटालों के लिए बदनाम हो चुके उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा से युवाओं का विश्वास उठने लगा है। ऐसा आज रविरार को आयोग की ओर से आयोजित पुलिस दूरसंचार विभाग की लिखित परीक्षा में देखने को मिला।

भर्ती घोटालों के लिए बदनाम हो चुके उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा से युवाओं का विश्वास उठने लगा है। ऐसा आज रविरार को आयोग की ओर से आयोजित पुलिस दूरसंचार विभाग की लिखित परीक्षा में देखने को मिला। इसमें मात्र 54 फीसद युवा ही शामिल हुए। इस परीक्षा के लिए 43984 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें सभी को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे। इनमें 39884 ने ही प्रवेश पत्र डाउलोड किए। वहीं, 23462 ने ही लिखित परीक्षा दी। इस प्रकार पांच जिलों में बनाए गए 101 केंद्रों में 54 फीसद छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे। यानि की 46 फीसद युवाओं ने परीक्षा ही नहीं दी। ऐसे में कम छात्रों के परीक्षा में शामिल होने से साफ हो गया है कि आयोग की परीक्षाओं पर अब युवाओं का विश्वास उठ चला है। क्योंकि परीक्षाओं में बार बार घोटाले उजागर हो रहे हैं। इन घोटालों को लेकर विपक्षी दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल सहित कई संगठन भी सरकार को बार बार घेर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दे चुके हैं ये बयान
उत्तराखंड अधीनस्थ चयेन सेवा आयोग की परीक्षाओं में हर बार घोटालों की बात सामने आती है। पिछले साल हुई स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी का हाल ही में खुलासा हुआ था। इस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी बड़ा बयान दिया था। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा था कि रिश्वतखोर नई पीढ़ी के युवाओं के सपनों से अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह सीधे-सीधे हमारी नई पीढ़ी के साथ मजाक और अत्याचार है। कहा कि कुछ कुछ शार्ट कट चलने वाले व रिशवत खोर लोग हमारी भर्ती एजेंसी को कहीं न कही प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं उसके बारे में विचार करने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

त्रिवेंद्र ने कहा था कि कांग्रेस कार्यकाल में भी आयोग की भर्तियों में घपला हुआ था। जब वे मुख्यमंत्री बने थे तो ऐसा ही घोटाला पकड़ में आया था। अब फिर इस तरह का घोटाला सामने आया है। मुझे ध्यान है कि यूपी में भी नौकरियों के लिए इस तरह का आयोग बना था। इन्हीं कारणों से सरकार ने उसे भंग कर दिया था। अगर इसी तरह का अत्याचार होता हमारे नई पीढ़ी के साथ होता है तो सरकार को इस आयोग को भंग करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाला कोई भी हो उसे गिरफ्तार कर सख्त से सख्त कारवाई होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है प्रकरण
गौरतलब है कि उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की पिछले साल हुई स्नातक स्तर की परीक्षा में स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले छह युवकों को हाल ही में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारी अलग-अलग जगहों से की गई है। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। इस मामले में बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई थी। इसमें अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर युवाओं ने कार्रवाई की मांग की थी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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