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September 21, 2024

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने दिया इस्तीफा, आम आदमी पार्टी ने दी ये प्रतिक्रिया

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उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग अध्यक्ष डा राकेश कुमार ने पद से त्यागपत्र दिया है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने इसकी पुष्टि की। छह वर्ष के कार्यकाल में मात्र डेढ़ वर्ष रहने के बाद ही डा राकेश कुमार ने यह पद छोड़ दिया। डॉ. राकेश कुमार के कार्यकाल में आयोग की तीन परीक्षाओं को पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दोबारा कराना पड़ा तो वहीं आधा दर्जन से अधिक परीक्षाओं के पूर्व घोषित कार्यक्रम में बदलाव कर उन्हें न‌ई तिथियों पर आयोजित कराना पड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयोग के दो अनुभाग अधिकारी पेपर लीक प्रकरण में पकड़े गए और जेल गए। आयोग की परीक्षा से संबंधित पेपर लीक करने बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ। विशेष बात यह रही कि इसका संचालन आयोग की परीक्षाओं से संबंधित दो अनुभाग अधिकारियों के हाथों में रहा। इस मामले में कुछ सफेदपोश नेताओं की संलिप्तता भी सामने आई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, यदि उपलब्धियों के तौर पर राकेश कुमार के कार्यकाल को देखें तो उन्होंने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के तर्ज पर कराने की व्यवस्था को लागू किया। ताकि उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को उक्त परीक्षा के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उधर, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने के लिए आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सत्ता पक्ष के लोगों का दबाव रहा होगा। यही कारण है कि उस दबाव से बाहर निकलने के लिए डॉक्टर राकेश कुमार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे कर के अपना पिंड छुड़ाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इससे पहले यूपी ट्रिपल एससी के अध्यक्ष एस राजू ने भी इस्तीफा देकर के किनारा करने से पहले सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने तथा नकल की जांच को शिथिल करने के लिए उन पर दबाव था। एस राजू के इस बयान का सरकार से लेकर के जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया और ना ही उनसे कोई पूछताछ की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य में नौकरियों की भर्ती कराने वाली दो बड़ी एजेंसी लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि सरकार नकल विहीन परीक्षा कराने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। अधिकारियों पर गलत दबाव के कारण अधिकारी इन आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम करने में अपने को असहज महसूस करने की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य सरकार को इस बात की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वीकार करना चाहिए कि वह सरकार चलाने का काम और नकल रहित परीक्षा कराने का काम ठीक तरह से नहीं करा पा रहे हैं। बेरोजगार संघ ने जिस तरह से भर्ती परीक्षाओं में नकल के खिलाफ आंदोलन चलाकर के भारी परेशानियां झेल कर नकल माफियाओं के षड्यंत्र को उजागर करने का काम किया इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने नकल विहीन परीक्षा कराने के बजाय जिस तरह से राजपुर रोड पर बेरोजगारों पर लाठियां बरसाई चिंताजनक है। भाजपा सरकार को समय पर राज्य के बेरोजगार नौजवान इसका जवाब देंगे। आम आदमी पार्टी इस लड़ाई में पूरी ताकत से बेरोजगार नौजवानों के साथ है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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