20 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने दिया जिलों में धरना
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेशव्यापी आन्दोलन के द्वितीय चरण में आज बीस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में धरनों का आयोजन किया गया। इससे पहले एक सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक विभिन्न विभागों के कार्यालयों के समक्ष गेट मीटिंग कर जनजागरूकता अभियान चलाया गया था। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडे के मुताबिक, आज धरना जिला मुख्लायों के साथ ही तहसील एवं विकासखंड मुख्यालयों में दिया गया। राजधानी देहरादून में धरने का आयोजन परेड मैदान में किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व समन्वय समिति के प्रान्तीय प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद भी कई मामलों का निराकरण नहीं हो पाया। चुनाव के बाद उत्तराखंड शासन की ओर से फिर समिति को आश्वासन दिया गया, लेकिन लंबित समस्याओं का समाधान करने के बजाय वर्तमान में उत्तराखंड शासन में बैठे अधिकारियों ने राज्य कार्मिकों को पूर्व से दिये जा रहे ग्रेड वेतन को भारत सरकार की तर्ज पर डाउन ग्रेड वेतन का निर्णय ले लिया और उसे जल्दबाजी में कैबीनेट से पारित कर दिया गया। समिति के संयोजक मंडल ने मांगों के शीघ्र समाधान न होने की स्थिति में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजधानी देहरादून में धरने का आयोजन मुख्य जिला संयोजक सुभाष देवलियाल, चौधरी ओमवीर सिंह, शान्तनु शर्मा, आर पी जोशी एवं दीपचन्द्र बुधलाकोटी के नेतृत्व में परेड ग्राउंड में किया गया। इसकी अध्यक्षता चौधरी ओमवीर सिंह एवं संचालन सुभाष देवलियाल ने किया। धरने में समस्त महासंघों से लेकर उनसे सम्बद्ध घटक संघों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। समस्त वक्ताओं द्वारा एक सुर में 20 सूत्रीय मांगपत्र को समस्त सदस्य कार्मिकों के समक्ष दोहराया गया। धरना समाप्ति पर एसडीएम सदर नरेश दुर्गापाल के माध्यम से संयोजक मंडल ने बीस सूत्रीय मांगपत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं प्रमुख मांगे
1. राज्य कार्मिकों हेतु भारत सरकार की तर्ज पर लिये गये डाउन ग्रेडवेतन के अन्यायपूर्ण निर्णय पर पुर्नविचार करते हुये इसे तत्काल वापस लिया जाए।
2. प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों मिनिस्टीरियल संवर्ग एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग सहित, शिक्षकों, निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
3. राज्य कार्मिकों, निगम, निकाय, परिषद के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड (S.G.H.S) की व्यवस्था के लिए जारी शासनादेश संख्या-1256 1)/XXVVIII (3) / 21-04/2008. T.C, दिनांक 25.11.2021 को स्वास्थ्य प्राधिकरण से धरातल पर शत-प्रतिशत लागू कराते हुये इसमें उत्पन्न विसंगतियों का शीघ्र निराकरण कराया जाए। तथा सुविधा युक्त उच्च कोटी के अन्य समस्त अस्पतालों को भी योजना में सूचीबद्ध करते हुये सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसदी कटौती कम की जायए।
4. पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था दिनांक 30.06.2022 तक ही बढ़ायी गयी है, जिसे बिना शर्त के निरन्तर बढ़ाया जाए।
5. प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6. मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक को लेवल-4 में वेतनमान 25500-81100 अनुमन्य किया जाएतथा प्रधान सहायक लेवल -06 वेतनमान 35400-1,12,400 के पद को प्रशासनिक अधिकारी लेवल-07 वेतनमान 44900-1,42,400 में आमेलन / उच्चीकृत करते हुये कुल 18+8=26% पद प्रशानिक अधिकारी के स्वीकृत किये जाए।
7. वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुये स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू. 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8. राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु० 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10. समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक ) / संगणक के सेवा प्राविधान एक समानकरते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11. विभिन्न विभागीय संवर्गों के वेतन विसंगति / वेतन उच्चीकृत एवं स्टाफिंग पैर्टन के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित है. उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए। 12. जिन विभागों के ढ़ाचे का पुर्नगठन, एकीकरण का प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदों में कटौती न की जाये, ताकि कार्मिकों के पदोन्नति के अवसर बाधित न हो।
13. राज्य सरकार द्वारा लागू ए०सी०पी०/एम०ए०सी०पी० के अन्तर्गत जारी शासनादेश संख्या-05/XXVVIII (7)/50/(09)/2018, दिनांक 06.01.2022 द्वारा अतिउत्तम के स्थान पर उत्तम एवं 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने की व्यवस्था को दिनांक 01.01.2022 से लागू गया है, जिसे पूर्व से लागू किया जाए।
14. जिन विभागों में विभिन्न सेवा संवर्गों की पदोन्नतियां अभी तक लम्बित है, उन विभागों में शीघ्र पदोन्नति आदेश जारी कराने की त्वरित कार्यवाही की जाए।
15. 31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए। 16. विभिन्न परिसंघों / संघों द्वारा स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों के सम्बन्ध में दिये गये बिन्दुवार सुझाव एवं समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए।
17. राज्य कार्मिकों की भांति निगम / निकाय/ विश्व विद्यालय-महाविद्यालय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
18. तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन, सैलेक्शन ग्रेड, एसीपी, पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
19. समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते, निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।
20. वर्तमान में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा शासन को सौंपी गयी रिर्पोट में कर्मचारी विरोधी निर्णय / सुझावों को अस्वीकार करते हुये इन्हें लागू न किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे धरने में शामिल
आज के धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष एस एस चौहान महामंत्री मुकेश रतूड़ी, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट, मिनिस्टीरियल फैडरेशन के अध्यक्ष पूर्णानन्द नौटियाल, महामंत्री मुकेश बहुगुणा, इंजीनियरर्स ड्राइंग संघ के अध्यक्ष निशंक सरोही, सिंचाई विकास कर्मचारी महांसंघ के महामंत्री राकेश रावत, निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुंसाई, राजकीय वाहन चालक महासंघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सबर सिंह रावत सहित मुख्य जिला संयोजक आर पी जोशी, शांतनु शर्मा सहित संयोजक मंडल से उर्मिला द्विवेदी, बबीता, रविन्द्र सिंह, नन्द किशोर त्रिपाठी एवं तमाम संघों परिसंघों के पदाधिकारियों द्वारा सम्बोधित किया गया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




