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June 27, 2025

18 सूत्रीय मांगों पर शासन की समिति के साथ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति की हुई वार्ता, मिला ये आश्वासन

उत्तराखंड में राज्य कर्मचारी, शिक्षकों और अधिकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर शासन स्तर पर गठित समिति के साथ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति की सचिवालय में वार्ता हुई।

उत्तराखंड में राज्य कर्मचारी, शिक्षकों और अधिकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर शासन स्तर पर गठित समिति के साथ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति की सचिवालय में वार्ता हुई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधिमंडल ने 18 सूत्रीय मांगों को सिलसिलेवार समिति के समक्ष रखा। साथ ही उन्हें शासन की ओर से हर मांग पर आश्वासन मिला।
गौरतलब है कि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड के कर्मचारियों, शिक्षकों और अधाकारियों ने साझा मंच का गठन किया है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले ही सिलसिलेवार आंदोलन किए जा रहे हैं। आंदोलन के तहत अभी तक गेट मीटिंग, जिला स्तरीय धरने, जिला स्तरीय रैली का आयोजन किया गया है। अब आंदोलन के चौथे चरण में पांच अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली प्रस्तावित है।
इससे पहले शासन की वेतन विसंगति समिति की बैठक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ 29 सितंबर को हुई थी। इसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न समस्याओं को वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के समक्ष बिंदुवार रखा। इस पर उन्हें अध्यक्ष की ओर से सार्थक प्रयास का आश्वासन दिया गया। अब साझा मंच की भी लगभग इन्हीं बिंदुओं पर समिति के समक्ष वार्ता हुई।
समन्वय समिति के प्रवक्ता अरूण पाण्डे ने बताया कि कार्मिक विभाग के आमंत्रण पर समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ सचिवालय स्थित वीर माधव सिंह भंडारी सभागार मांग पत्र पर विस्तार से वार्ता हुई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने बिंदुवार चर्चा के दौरान ही कार्मिक विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।
ये रहे वार्ता के बिंदु
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों मिनिस्ट्रियल संवर्ग एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग सहित शिक्षकों, निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान दिया जाए।
इस मौके पर समन्वय समीति ने बताया कि पूर्व में दिये गये तत्कालीन वित्त मंत्री स्व प्रकाश पंत की ओर से दिये गये निर्देश के आधार पर की गई कार्यवाही के संबंध में प्रेक्षा करने पर वित्त विभाग ने चुप्पी साध ली। इस पर समन्वय समीति ने रोष व्यक्त किया। तदोपरांत अपर मुख्य सचिव ने 15 दिन की समय सीमा के अंतर्गत वित्त विभाग को पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किये जाने पर आने वाले व्ययभार एवं प्रभावित कार्मिकों की संख्या का आंकलन कराने के निर्देश दिए।
2-राज्य कार्मिको के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुये केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति की व्यवस्था प्रदेश में लागू करने की मांग के साथ ही प्रदेश के बाहर उच्चकोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत करने तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराषि में 50 फीसद कटौती कम करने की मांग पर अपर मुख्य सचिव ने मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में समस्या के समाधान पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया। साथ ही निगम कर्मियों को भी इसका लाभ देने का वादा किया।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल करने की मांग पर बताया गया है कि सचिव कार्मिक ने सचिव गोपन विभाग को इस संबंध में मुख्य सचिव समिति की व्याख्या मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के लिए पत्र प्रस्तुत किया है। इस पर भी शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन मिला।
4-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग पर वित्त विभाग को वर्तमान परिस्थिति के अनुसार नई पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत प्राप्त होने वाले लाभ व हानि का सार्थक आंकलन करने के निर्देश दिये गए।
5-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक करने के साथ ही एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य करने की मांग पर कार्मिक विभाग की ओर से परीक्षण करने का आश्वासन दिया गया है।
6-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन 4800 रुपये में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाने की मांग पर वित्त विभाग की ओर से कार्यवाही कारने का आश्वासन दिया गया है।
7-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाने पर भी वित्त विभाग द्वारा समयबद्व रूप से कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
8-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200. तक अनुमन्य करने की मांग पर भी कार्यवाही का आश्वासन मिला।
9-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर करने की मांग पर सिंचाई विभाग द्वारा 15 दिन में एकरूपता के लिए आश्वासन दिया गया।
10-विभिन्न विभागीय संवर्गों के वेतन विसंगति/स्टाफिंग पैटर्न के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित है, उनका शीघ्र निस्तारण करने के संबंध में कार्मिक विभाग को समस्त विभाग द्वारा कि गई कार्यवाही का अनुश्रवण करने एवं लापरवाही करने पर दंडित करने के निर्देष दिये गए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत करने की मांग पर नियोजन विभाग की ओर से कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा अति उत्तम के स्थान पर उत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी करने की मांग पर भी सहमति व्यक्त करते हुए वित्त विभाग को तद्नुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग पर तत्काल कार्मिक विभाग को समस्त के साथ बैठक कर कार्यवाही के निर्देश दिये गए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवा निवृत्ति का लाभ प्रदान करने की मांग के संबंध में भारत सरकार का पत्र उप्लब्ध होने पर कार्यवाही के निर्देश दिये गए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण करने की मांग पर कार्मिक विभाग को समस्त विभागाधयक्षों को पुनः निर्देशित करने का आश्वासन दिया गया।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान करने की मांग पर सहमति व्यक्त की गई तथा वित्त विभाग की ओर से परिक्षण कर मुख्यमंत्री के सम्मुख प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया गया।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्वतदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन, सैलेक्शन ग्रेड, एसीपी, पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान करने की मांग के संबंध में वित्त विभाग को तथ्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते, निर्णयो के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी करने की मांग पर भी तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि 01 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के मध्य सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को वर्तमान में 11 प्रतिषत मंहगाई भत्ते की 01 जुलाई, 2021 से की गई वृद्धि का लाभ अनुमन्य किया जाय।
आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध
बैठक के अंत में अपर मुख्य सचीव ने समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल से वर्तमान में चलाये जा रहे आन्दोलन को स्थगित करने का अनुरोध किया। इस पर समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री की अध्यक्ष्ता में बैठक आयोजित कर समस्त प्रकरणों पर ठोस निर्णय लेने की मांग की। साथ ही कहा कि तब तक आन्दोलन स्थगित करने में वे असमर्थ हैं। साथ ही समिति ने पांच अक्टूबर की हुंकार रैली में प्रदेश के कार्मिकों से बढ़चढ़कर भागीदारी की अपील की। रैली देहरादून के परेड मैदान से सचिवालय तक निकाली जाएगी।
ये रहे उपस्थित
बैठक में समन्वय समिति की ओर से प्रताप सिंह पंवार, अरूण पाण्डेय, हरीष चन्द्र नौटियाल, बीएस रावत, दिनेश पंत, दीवचन्द बुडलाकोटी, गोविन्द सिंह नेगी, रघुवीर सिंह पुण्डीर, संदीप मौर्या, पूर्णानन्द नौटियाल, शक्ति प्रसाद भट्ट, निष्कर्ष सरोही, नाजिम सिद्दीकी, विक्रम सिंह गुसांई, धर्मेन्द्र रावत, शासन की ओर से अरविंद सिंह ह्यांकी, गंगा प्रसाद, एसएस वल्दिया, गरीमा रौक्ली, जेएल शर्मा व महावीर सिंह आदि शामिल थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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