देवस्थानम बोर्ड पर आप ने योगी आदित्यनाथ को कटघरे में लिया, कहा- उत्तराखंड के सीएम को भी बताओ

आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी और दिल्ली के संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के केरल में देवस्थानम बोर्ड पर दिए ट्विट पर पलटवार करते हुए ट्विट किया। साथ ही योगी को नसीहत देते हुए कहा कि वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी बताएं कि देवस्थानम बोर्ड के नाम पर उत्तराखंड में भी हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करना बन्द करें। अन्यथा प्रदेश की जनता आने वाले चुनावों में उनके प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा देगी।
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल को लेकर एक ट्वीट किया था। इसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि केरल में डीएलएफ की सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के नाम पर यहां के हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया है। केरल की जनता की भावनाओं और आस्था के साथ जो भी खिलवाड़ करे, उसकी जमानत जब्त होनी चाहिए।
इसी ट्वीट का जवाब देते हुए आप के उत्तराखंड प्रभारी दिनेश मोहनिया ने लिखा है कि- योगी जी, यह बात अपने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी बताएं कि उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड के नाम पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ बन्द करें, अन्यथा उनकी भी जमानत जब्त होगी ।
आप प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में भाजपा ने धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने के लिए देवस्थानम बोर्ड के रूप में एक ऐसी संस्था का गठन किया है। इससे देवभूमि की धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं को कानूनी शिकंजे में डालने का काम किया। इस बोर्ड के खिलाफ पुजारियों और तीर्थपुराहितों में भारी नाराजगी है। ये बोर्ड सीधे तौर पर तीर्थ पुरोहितों के हक और हकूक पर कुठाराघात कर रहा है, जिसका विरोध लगातार तीर्थ पुरोहित करते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा की देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय हक-हकूकधारियों के हितों पर भी गहरी चोट मारी है। जिससे ये लोग अभी नहीं नहीं उबर पाए हैं। सरकार ने इतना बडा फैसला लिया, लेकिन इससे पहले तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय हक-हकूकधारियों से उनकी राय तक नहीं ली गई। इससे इन सभी लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है। बीजेपी सरकार का ये फैसला देवभूमि की आस्था, मान्यता और परंपराओं से सीधा खिलवाड़ है।
देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ चार धाम के तीर्थ पुरोहितों के साथ ही अन्य हक-हकूकधारी और स्थानीय लोग आंदोलित होकर सड़कों पर उतरे। कई स्थानों पर विधेयक के विरोध में रैलियां, धरने-प्रदर्शन हुए लेकिन सरकार अपने इरादे से टस से मस नहीं हुई। आप प्रभारी ने कहा कि सरकार के गलत फैसले से त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। जल्द ही ये सरकार भी जनता के कोप का भाजन बनेगी और आगामी 2022 के चुनावों में बीजेपी मुंह की खाएगी।
मोहनिया ने कहा कि बीजेपी मंदिरों और हिंदुओं के नाम पर राजनीति करती आई है। आज वही तीर्थ पुरोहित बीजेपी के इस निर्णय के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार से सीधी मांग है कि – हमारे धार्मिक स्थलों को सरकार के शिकंजे से आजाद करो। हमारे रीती-रिवाजों से खिलवाड़ बंद कर देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करो।