दिल्ली दरबार में परिक्रमा कर लौट आई उत्तराखंड सरकार, जानिए-क्या हुआ हासिल
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। केंद्र से विभिन्न योजनाओं में मदद के लिए उन्होंने दिल्ली दरबार की परिक्रमा की। दो दिन की इस परिक्रमा के तहत कल उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री नागरिक उड्डयन और शहरी विकास हरदीप पुरी के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट की थी। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों से उत्तराखंड के लिए दिल खोलकर सहायता का अनुरोध भी किया। इसमें उन्हें आश्वासन के रूप में सफलता मिली।
दो दिनी परिक्रमा के तहत आज मंगलवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री रेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण पीयूष गोयल से मिले। आज उन्होंने क्या किया, इसका यहां जिक्र किया जा रहा है।
पीएम मोदी को दी आपदा की जानकारी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने हाल ही में उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा से हुई जनधन की हानि और इसके बाद संचालित सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के साथ ही राहत कार्यों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने आपदा में तत्काल सहायता के लिए प्रधानमंत्री जी और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपदा प्रभावित 13 गांवों में जल व विद्युत व्यवस्था सुचारु कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि तीन गांवों में आवागमन के लिए ट्राली संचालित कर दी गई है। समुचित मात्रा में राशन प्रदान किया जा रहा है। ऋषिगंगा आपदा के तुरंत बाद इसरो, डीआरडीओ, आईआईआरएस, एसएएसई, वाडिया इंस्टीट्यूट, जीएसआई व सेंट्रल वाटर कमीशन के वैज्ञानिकों की ओर से स्थलीय सर्वेक्षण किया गया। ऋषिगंगा के मुहाने पर अस्थायी रूप से बनी झील की वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है। झील से निकासी को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता है।
कुंभ मेले के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ के कार्यों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कुम्भ मेले के साथ ही श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। राज्यों के वित्तीय संसाधनों से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री ने वन भूमि हस्तान्तरण के मामलों में राज्य सरकार की परियेाजनाओं को केंद्र सरकार की परियोजनाओं की भांति डिग्रेडेड फोरेस्ट पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किए जाने की नीति की आवश्यकता पर बल दिया।
रक्षा मंत्री से की भेंट, दी ये जानकारी, की अपेक्षा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को देहरादून में प्रस्तावित कोस्ट गार्ड रिक्रूटमेंट सेंटर की अद्यतन सिथति की जानकारी देते हुए बताया कि कुंआवाला में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर के लिए रक्षा मंत्रालय को सशुल्क भूमि प्रस्तावित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चैखुटिया में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। गैरसैंण के समीप होने के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। मुख्यमंत्री ने धारचूला से लिपुलेख तक सड़क सम्पर्क स्थापित कर मानसरोवर यात्रा के लिए लिंक रोड शुरू किए जाने पर रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया।
दोनों के मध्य रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा में उत्तराखंड के जवानों का हमेशा बड़ा योगदान रहा है। केंद्र द्वारा उत्तराखंड को हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के बाद संचालित राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।
रेल मंत्री का जताया आभार, मिला ये आश्वासन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री रेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण श्री पीयूष गोयल से भेंट कर उत्तराखंड में रेल कनेक्टीवीटी के विकास के लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर रेल मंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के फाइनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति दी। रेल मंत्री ने हरिद्वार-रायवाला सेक्शन में वर्तमान सिंगल रेल लाईन के दोहरीकरण और देहरादून व योगनगरी ऋषिकेश के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डायवर्जन लाईन के निर्माण पर स्वीकृति देते हुए रेलवे के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सुझाव पर पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोपने बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने विकेंद्रीकृत खरीद प्रणाली के अंतर्गत उत्तराखंड के सब्सिडी के बकाया 640 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया।
परिवहन मंत्री ने दी सहमति
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने मंकेंद्रीय मंत्री, सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, श्री नितिन गडकरी से भेट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में रोड़ कनेक्टीवीटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का बहुत आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून बस अड्डा की सडक परियोजना के लिए 48 करोड रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं। इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शोर्ट लिक मार्ग है। जौलीग्राट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है। वर्तमान में यह केवल दो लेन मार्ग है। इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सड़क व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गो (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडाडा-मोहन- रानीखेत(274किमी), पाण्डुआखाल -नागचूलाखाल उफरैखाल-बैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी), बुआखाल-देवप्रयाग (49 किमी), देवप्रयाग-गजा-खाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है मुख्यमत्री ने इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया।
बैठक में उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, मुख्यमत्री के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
जलशक्ति मंत्री से किया ये अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में 6 सीवेज शोधन संयंत्र और सीवर लाईन (अनुमानित लागत 228 करोड़ 40 लाख रूपये) के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर 8 स्नान व मोक्ष घाट (अनुमानित लागत 22 करोड़ 04 लाख रूपये) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखवाड़ परियोजना पर कैबिनेट क्लियरेंस व किसाऊ परियोजना पर राज्यों के बीच में समझौता भी जल्द ही हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 1108 करोड़ 38 लाख रूपये की 38 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं को वर्ष 2014-15 व 2015-16 में भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान की जा चुकी है। अब इनके इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की स्वीकृति अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक निर्माण लागत को देखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की लागत को बढ़ाकर 4 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर किया जाए। जब तक ऐसा नहीं हो जाता है तब तक राज्य सरकार को 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर से अधिक की लागत को स्वयं वहन करने की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि व दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार, पुनरोद्धार व सुदृढ़ीकरण को भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी के अंतर्गत उत्तराखंड में 349 करोड़ 39 लाख रूपये लागत की 422 नयी योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया। राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को जलशक्ति मंत्रालय से हर सम्भव सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य से संबंधित सभी लम्बित मामलों का एक माह में निस्तारण कर दिया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को वीर दुर्गादास की प्रतिमा भी भेंट की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।