राज्यकर्मियों की इस मांग को उत्तराखंड सरकार ने माना, देखें आज जारी किया गया ये आदेश
उत्तराखंड में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की एक महत्वपूर्ण मांग को शासन ने मान लिया है। मांग के संबंध में आज ही सचिव दिलीप जावलकर की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में अब प्रदेशभर के राज्य कर्मचारियों को वेतन निर्धारण के लिए विकल्प का प्रयोग व पुनः प्रयोग करने के लिए तीन माह का समय मिल गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रान्तीय प्रवक्ता आर पी जोशी ने बताया कि परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 30 जनवरी 2023 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव से मांगों के संबंध में मुलाकात की थी। उन्होंने राज्य कार्मिकों के लिए उत्तराखंड शासन के शासनादेश संख्या 880085 /xxvii(7)E/43634/2022/वित्त (वे.आ.सा.नि) अनुभाग-7 देहरादून दिनांक 3 जनवरी 2023 के की ओर से पदोन्नति/वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत आदेश में वेतन निर्धारण के लिए तिथि विकल्प चुनने को मात्र एक माह का समय दिया गया था। इसका राज्यकर्मियों ने विरोध किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि परिषद ने मांग की थी कि जिस प्रकार भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपने कार्मिकों को दिनांक 01.01.2016 को या इसके बाद नियमित पदोन्नति/वित्तीय स्तरोन्नयन पर जो कि मूल नियम 22 (1) क (1) के तहत विकल्प चुनने या पुनः चुनने के लिए वर्णित शासनादेशों के अनुरुप तीन माह का समय प्रदान किया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार उत्तराखंड शासन भी अपने शासनादेश में परिवर्तन कर उक्त अवधि को तीन माह करे। ताकि इसका लाभ सही ढंग से कार्मिकों को प्राप्त हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजेंद्र प्रसाद जोशी ने बताया कि उत्तराखंड शासन की ओर से परिषद की उक्त मांग को पूर्ण करते हुए वित्त विभाग की ओर से आज शासनादेश 105274(1)/XXVII(7)/E-42831/2022 दिनांक 10 मार्च 2023 जारी कर दिया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के कार्मिक इस आदेश के जारी होने से तीन माह के भीतर वेतन निर्धारण के लिए विकल्प का प्रयोग/पुनः प्रयोग कर सकते हैं। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे ने समस्त राज्य कर्मचारियों की ओर से उक्त शासनादेश के जारी होने पर उत्तराखंड सरकार एवं शासन का आभार प्रकट किया। साथ ही आशा जताई कि निकट भविष्य में भी सरकार एवं शासन की ओर से इसी प्रकार कार्मिक हितों से सम्बन्धित निर्णय लिए जाते रहेंगे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।