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February 6, 2025

उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिटः अमित शाह ने किया समापन, कही ये बात, डॉ. अग्रवाल ने दिए ये आंकड़े

उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का देहरादून के एफआरआई में आज समापन हो गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम के समापन समारोह में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भागीदारी की। इस मौके पर उनहोंने उत्तराखंड को नमन करते हुए कहा कि यह केवल डेस्टिनेशन उत्तराखंड का ही समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरूआत भी है। उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि यह नये उत्तराखंड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखंड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ परफोर्मेंस को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निगरानी के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का सराहनीय कार्य किया गया। उनके चेहरे पर जो अद्भुत शांति और आत्मविश्वास था, यह नेतृत्व के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अटल जी ने बनाया और मोदी जी ने इसे संवारा है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यही था कि राज्य का तेजी से विकास हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक महत्वपूर्ण इनीशिएटिव लिये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमित शाह ने कहा कि यहां की चारधाम यात्रा व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाई गई योजना सराहनीय है। लगभग तीस इन्वेस्टर फ्रेंडली नई नीतियों से उत्तराखण्ड पॉलिसी ड्रीवन स्टेट बन गया है। मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ शासन को बढ़ावा दिया गया है। भ्रष्टाचारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने पारदर्शी माहौल दिया है। पूरे देश में उत्तराखण्ड सबसे ज्यादा शांत और सुरक्षित राज्यों में है। पारदर्शिता उत्तराखण्ड का स्वभाव बन गया है। पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उत्तराखण्ड मजबूत और सबसे विकसित राज्य बने। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में देश तेजी से आगे बढ़ा है। पूरे देश में मल्टी डाइमेंशनल बदलाव आये हैं। इन वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या कई गुना हो गई है। भारत ने जिस तरह जी-20 का आयोजन किया, उसकी पूरे विश्व में सराहना की गई।जी-20 का दिल्ली घोषणा पत्र कूटनीति के क्षेत्र में भारत का परचम फहरायेगा। 2047 तक प्रधानमंत्री ने देश को विकसित और हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य रखा है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा उनके नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा मजबूत होने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में भी भारत सहकार से समृद्धि के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत देश के सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री द्वारा अक्टूबर 2021 में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य देश में पहली बार उत्तराखंड से ही प्रारंभ किया गया था और आज राज्य में सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। आज इसके समापन समारोह में अमित शाह उपस्थित हैं। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का राज्य सरकार को निरंतर सहयोग मिलता रहा, जिसके चलते ही सिलक्यारा मिशन सफल हुआ। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तथा उनके विजन के अनुरूप ही हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जहां एक ओर आज उत्तराखंड में सेब, कीवी, मशरूम, अन्न, जड़ी बूटियों आदि के उत्पादन द्वारा हमारे काश्तकार पूरी दुनियां को मेक इन इंडिया का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रदेश के अन्दर लॉजिस्टिक्स पार्क, एरोमा पार्क, फार्मा तथा इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो, सिंगल विंडो क्लियरेंस हो, कठिन नियमों को सरल बनाने की बात हो, बजट को नियंत्रित करने के प्रयास हों, आज इन सभी मापदंडों में उत्तराखंड खरा उतरने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूल मंत्र को अंगीकार कर अनेक सेक्टरों के लिए सरल एवं पारदर्शी नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है, जिससे हमारे उद्योग बंधुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस इन्वेस्टर समिट में उत्तराखण्ड को साढे़ तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का कार्य प्रगति पर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है। निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले सभी उद्योगबंधु हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे की डेस्टिनेशन उत्तराखंड ब्रांड निवेश हेतु एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाउस आफ हिमालयाज का शुभारंभ कर अंत्योदय के विकास की नई उम्मीद को आगे बढ़ाया है। साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को एक वैश्विक स्तर का मंच मिला है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वेडिंग इन उत्तराखंड की बात कही थी उनके इस कथन से प्रदेशवासियों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि पिछले 06 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियों बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखंड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है। राज्य का वातावरण प्रदूषण रहित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष कुमार चौहान, मदर डेयरी के एमडी मनीश बंदलिश, रसना के एमडी पिरूज खंबाटा, जुबिलेंट जेनेरिक्स लि. के एमडी डॉ. जयदेव राजपाल ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल का संबोधन
कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में देश व विदेश से पहुंचे निवेशकों को इन्फास्ट्रक्चर पर संबोधन दिया। इस दौरान जनरल बिपिन रावत को भी श्रद्धांजलि दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने कहा कि अवसंरचना में कई क्षेत्रों का मेल होने के कारण अर्थव्यवस्था में इसके गुणक प्रभाव अधिक होते हैं। केन्द्र और राज्यों में व्यापक योजना के साथ और अधिक समन्वय लाने के लिये सितम्बर, 2022 में पीएम गति शक्ति कार्यकम आरम्भ किया गया। परिवहन के विकास तथा अन्तिम छोर तक त्वरित वितरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गई है। इसके माध्यम से देश में लॉजिस्टिक्स लागतों को कम करना है। वर्तमान में ये लागतें जीडीपी का लगभग 14-15 प्रतिशत है, जिसे वर्ष 2030 तक 8 प्रतिशत की कमी लाना है। कहा कि इसके माध्यम से देश से निर्यात वृद्धि के साथ-साथ एमएसएमई को बढ़ावा देना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों के दृष्टिगत डिजिटल और संचार विकास पर भी सतत् जोर दिया जा रहा है। एक ऐसे समूह, जब एक बुनियादी टेलीफोन कनेक्शन को एक विलासिता की वस्तु के रूप में देखा जाता था, से एक ऐसे चरण तक पहुंच गये हैं, जहां अधिकांश व्यक्तियों के पास मोबाईल कनेक्शन हैं। भारत में डिजिटल इण्डिया की कान्ति विश्व के लिये एक उदाहरण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से 23 वर्ष पूर्ण कर एक वय राज्य के रूप में प्रतिस्थापित हो चुका है। इन 23 वर्षों में विकास की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है और वर्तमान में देश की सबसे तेजी से बढ़ती राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उत्तराखण्ड राज्य भी देश की तरह सबसे युवा आबादी वाले राज्यों में से एक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि राज्य गठन के समय उत्तराखण्ड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के 14,163 उद्यम तथा बृहत श्रेणी के 38 उद्यम कार्यरत थे। इन उद्यमों में कुल रू0 8,993.96 करोड़ (रू० 700.29 करोड़ + रु0 8,293.67 करोड) का पूंजी निवेश तथा 68,660 (38,509 + 29,151) लोगों को रोजगार उपलब्ध था। कहा कि वर्ष 2003 के पश्चात पैकज अवधि के दौरान राज्य में 27,344, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों तथा 232 बृहत उद्यमों की स्थापना हुई है, जिनमें लगभग रू0 34,933 करोड़ (रू० 8273.23 + रू0 26,659.78 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 2,34,015 (1,63,137 + 70,878) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। पैकेज समाप्त होने के बाद वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 तक 36033 सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम व 60 बृहत उद्यम स्थापित हुए हैं, जिनमें रू0 10329 करोड़ (रू0 7228.83 + रू0 3099.93 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 214648 (203288 + 11360) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि सरकार द्वारा लागू नीतियों एवं कार्यकमों ने निवेशकों का विश्वास प्राप्त किया है और उत्तराखण्ड देश के प्रमुख औद्योगिक रूप से सुदृढ़ राज्यों की श्रेणी में शामिल है। हमारे उद्यमी ही हमारे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो राज्य में निवेश के सतत् प्रवाह को चनाये हैं। कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के समन्वय एवं राज्य के भीतर लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास हेतु पृथक से राज्य की लॉजिस्टिक्स नीति लागू की है, जिसमें रू0 32 करोड़ तक के प्रोत्साहन अनुमन्य किये गये हैं। औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं डेडिकेटेड औद्योगिक पार्कों की स्थापना में निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने हेतु भी पृथक से नीति प्रख्यापित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रान्सपोर्ट इन्फास्ट्रक्चर के लिये भारत सरकार द्वारा रू0 1750 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की गई है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार के लिये चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना पर द्रुत गति से कार्य गतिमान है। दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड बनने से दिल्ली से देहरादून केवल 2 घण्टे में सुगमतापूर्वक पहुंच सकेंगे। कुमांऊ और गढ़वाल के मध्य दूरी एवं समय कम करने के लिये नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास की स्वीकृति दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यमुनोत्री, केदारनाथ, हेम कुण्ड की यात्रा को सुगम बनाने हेतु पर्वतमाला के अन्तर्गत रोप-वे निर्माण का कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा जारी लीड्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें न के बराबर हैं। पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय प्लान पोर्टल की तरह राज्य द्वारा स्टेट पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान पोर्टल तैयार कर लगभग 300 ऑन ग्राउण्ड तथा अन्डर ग्राउण्ड लेयर्स का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का समेकित विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रू0 25.00 करोड़ से अधिक लागत की परियोजनायें अनिवार्यतः पीएम गति संस्थागत प्रणाली यथा नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) तथा इम्पावर्ड ग्रुप आफ सेकेट्रीज (EGOS) से अनुमोदित कराई जायेंगी। राज्य सरकार द्वारा रू0 1.00 करोड़ से अधिक की सभी परियोजनाओं के अनुश्रवण हेतु गति शक्ति पर एक विशेष पोर्टल सृजित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा उठाये गये नीतिगत कदम अवसंरचना क्षेत्र को निवेशकों के लिये एक आकर्षण का क्षेत्र बनायेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। मैं अवसंरचना क्षेत्र में निवेश हेतु आप सभी का स्वागत करता हूँ।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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