एक बार फिर बदनाम हुई उत्तराखंड क्रिकेट, इस बार महिला क्रिकेटरों से यौन उत्पीड़न का आरोप
बार बार विवादों और चर्चाओं में रहने वाली उत्तराखंड क्रिकेट एक बार फिर से बदनाम हो गई। इस बार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) पदाधिकारियों पर महिला खिलाड़ियों से यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। आरोप तो महिला क्रिकेट के सह समन्वयक नरेंद्र शाह पर लगे हैं, लेकिन अब उनके साथ सीएयू के अन्य दो पदाधिकारियों के नाम भी इस प्रकरण में जुड़ गए हैं। हालांकि नरेंद्र शाह की महिला खिलाड़ियों से बात करने की आपत्तिजनक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुई तो उन्हें पद से हटा दिया गया है। वहीं, नरेंद्र शाह ने भी जहर खा लिया था और उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। नरेंद्र शाह को भारतीय क्रिकेटर स्नेह राणा के कोच के रूप में भी जाना जाता है। अब देखना ये है कि पुलिस इस मामले में ईमानदारी से जांच करती है या फिर पुराने विवादों की तरह ये विवाद भी ठंडे बस्ते में पहुंच जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
प्रशिक्षु क्रिकेटरों से अश्लील बातचीत का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद घिरे क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनके क्लब में प्रशिक्षण लेने वाली तीन किशोरियों ने अलग-अलग शिकायतें कर पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। इनमें से एक की तहरीर पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने पॉक्सो और अश्लील हरकतें करने (आईपीसी 354ए) की धाराओं में केस दर्ज किया है। बाकी, दो किशोरियों की शिकायत को भी मुकदमे में शामिल किया गया है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने मामले में नेहरू कॉलोनी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। पुलिस अभी इन दोनों तहरीर पर जांच ही कर रही थी कि एक और शिकायत मिल गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वेंटिलेटर में फुल ऑक्सीजन सपोर्ट में हैं नरेंद्र शाह
बताया जा रहा है कि दून अस्पताल में भर्ती शाह की हालत में कोई सुधार नहीं है। वह वेंटिलेटर पर फुल ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। जिस खिलाड़ी से अभद्र बातें करने के आरोप शाह पर लग रहे हैं, बताया जा रहा है कि अब उसके पिता की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। बता दें कि शुक्रवार शाम को नरेंद्र शाह को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उन्होंने जहर का सेवन किया है। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। फिलहाल उनकी हालत में सुधार है और वह अब खतरे से बाहर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोपों को सुनने के बाद तत्काल प्रभाव से हटाया
महिला क्रिकेटरों से अभद्र बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद जहर खाकर वेंटिलेटर पर गए क्रिकेटर स्नेह राणा के कोच नरेंद्र शाह को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने सह समन्वयक पद से हटा दिया है। एसोसिएशन में उन्हें महिला क्रिकेट की जिम्मेदारी मिली थी। उनके आत्महत्या के इस प्रयास को उन ऑडियो क्लिप से जोड़कर देखा जा रहा है, जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं। इनमें एक शख्स 10वीं की छात्रा से अभद्र बातें कर रहा है। इस बारे में कई पोर्टलों ने खबरें भी चलाई थीं। इस घटना के बाद क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड भी एक्शन में आया है। प्राथमिक आरोपों को सुनने के बाद नरेंद्र शाह को एसोसिएशन में महिला क्रिकेट के सह समन्वयक पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब जुड़ गए हैं कई नाम
न्यूज पोर्टल चेतनगुरुंग डॉट काम के मुताबिक, देश भर में आपराधिक कारनामों में अहम ओहदेदारों की बदनाम हरकतों से कालिख में घिर चुकी क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव माहिम वर्मा और सदस्य धीरज भंडारी का नाम भी नाबालिग क्रिकेटर किशोरी के यौन उत्पीड़न से जुड़े सनसनीखेज स्कैंडल में आज शामिल हो गया। डीआईजी एवं देहरादून के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर को सौंपी गई पीड़िता के पिता की लिखित शिकायत में दोनों के नाम इस आरोप के साथ शामिल हैं। आरोप है कि उनकी नाबालिग बेटी पर महिला क्रिकेट का निलम्बित स्टेट चीफ और प्रशिक्षक नरेंद्र शाह अपने साथ ही माहिम तथा धीरज संग भी जिस्मानी रिश्ते बनाने का दबाव डालता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो और महिला क्रिकेटरों ने लगाए आरोप
इस पोर्टल का दावा है कि अन्य शिकायतकर्ता महिला क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी ऐसे ही आरोप लगाए। पीड़िता के एससी होने से ये मामला अब पॉक्सो के साथ ही एससी-एसटी एक्ट का भी बनता दिख रहा है। दो अन्य युवा महिला क्रिकेटरों ने भी शाह पर गंभीर आरोप लगाए कि वह उनके साथ जिस्मानी छेड़छाड़ भी करता था। इस मामले में अब कभी भी पुलिस मुकदमा दर्ज कर सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तहरीर में लगाए ये आरोप
एसएसपी एवं डीआईजी को दी गई तहरीर में पीड़िता नाबालिग के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ शाह ने मोबाइल फोन पर अश्लील बातें की। जिसको रिकॉर्ड कर लिया गया। उनकी 15 साल की बेटी के साथ वह लगातार बदनीयती से छेड़छाड़ करता था। उसके वक्ष स्थल पर हाथ लगाता था। वह अपनी और माहिम वर्मा तथा धीरज भंडारी की जिस्मानी जरूरतों को पूरी करने का दबाव डाला करता था। ये धमकी भी देता था कि अगर किसी को ये सब बताया तो क्रिकेट करियर तबाह कर दिया जाएगा। खेलने नहीं दिया जाएगा। वह जातीय टिप्पणी भी करता था कि वह नीची जाति की है। उसको ऊंची जाति के लोगों के साथ रहने का हक़ नहीं है। ऐसा कह के बेटी को बार-बार प्रताड़ित करता रहता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बार बार सहना पड़ रहा था अपमान
चेतनगुरुंग डॉट कॉम की खबर के मुताबिक, शिकायत में पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी को बार-बार शाह के शारीरिक शोषण और अपमान को सहना पड़ता था। इसी किस्म की हरकतें दो अन्य महिला युवा बैटर के साथ भी शाह ने की। दोनों ने SSP/DIG को सौंपी तहरीर में कहा कि उनके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करने के साथ ही उन पर माहिम और धीरज की शारीरिक जरूरतों को पूरी करने के लिए दबाव डाला जाता था। फोन पर अश्लील बातें भी करता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देता था धमकी
आरोप है कि शाह खिलाड़ियों को माहिम और धीरज के नाम की धौंस दिया करता था कि दोनों की ऊपर तक पहुँच है। इन पीड़िताओं के मुताबिक और भी कई लड़कियां शाह के शोषण की शिकार हुई। वे डर के मारे सामने नहीं आ रही है। पुलिस कार्रवाई शुरू हो तो वे भी सामने आएंगीं। शाह की पत्नी किरण पर भी पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उनसे शिकायत करने पर वे उल्टे उन पर गुस्सा होती थीं कि वे उनके पति (नरेन्द्र शाह) पर डोरे डाल रही हैं, जो 63 साल का है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्रिकेट एसोसिएशन उत्तराखंड की कार्यप्रणाली पर उठते रहे सवाल
देश में सीएयू अकेली ऐसी एसोसिएशन है, जिसके जन्म के दो साल के भीतर ही चयन में धांधली-चयन को लेकर आरोप लगते रहे। गुड़गांव पुलिस की एफआइआर के बाद जांच-खरीद में घोटाला, नियुक्तियों में मनमानी, पूर्व हेड कोच के साथ धार्मिक किस्म के विवाद एसोसिएशन के बंद कमरों की बैठक से बाहर निकलकर सोशल मीडिया तक पहुंचे। Appex बॉडी के सदस्य और पूर्व पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष संजय रावत, कोषाध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी, संयुक्त सचिव अवनीश वर्मा समेत कई Executive सदस्य खुलेआम अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला और सचिव माहिम के खिलाफ लगातार एपेक्स बैठकों में बोलने के साथ ही फेसबुक, व्हाट्सएप सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी खुल के आवाज उठाते रहे हैं। जीरो क्रिकेट सत्र होने के बावजूद टीमों का चयन और ट्रायल करने को ले के भी खूब सवाल और आरोप सीएयू पर लगते रहे हैं।