ओएनजीसी मुख्यालय की शिफ्टिंग का उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने किया विरोध, सीएम से हस्तक्षेप की मांग
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ओएनजीसी मुख्यालय के स्थान्तरण का कड़ा विरोध करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय पेट्रोलियम सचिव से हस्तक्षेप की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पेट्रोलियम सचिव भारत सरकार को पत्र लिखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि समाचार पत्रों से संज्ञान में आ रहा है कि भाजपा सरकार देहरादून स्थित नवरत्न संस्थाओं में एक तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग लि (ओएनजीसी) के मुख्यालय को देहरादून से अन्यत्र स्थान्तरित करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत ओएनजीसी के विभिन्न विभागों की शिफ्टिंग शुरू भी हो चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से विगत 10 वर्ष के कार्यकाल में ओएनजीसी से विभिन्न विभागो को स्थान्तरित करने की कार्रवाई की जा रही है। विभागों के स्थान्तरण का सिलसिला जारी है। उससे ओएनजीसी कर्मचारी यूनियन के साथ ही आम जनता में भी भारी रोष व्याप्त है। यह ऋषिकेश स्थित आइडीपीएल की भांति ओएनजीसी का अस्तित्व समाप्त करने का षड्यंत्र प्रतीत होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रदेशों को अलग पहचान दिलाने तथा विकास के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध संस्थानों के माध्यम से रोजगार प्रदान करने वाली दूरदर्शिता पूर्ण नीतियों के तहत देश के सभी भागों में विश्व प्रसिद्ध संस्थान बसाये गये थे। वर्तमान में एक के बाद एक, इन संस्थानों का अस्तित्व मिटाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि देहरादून स्थित ओएनजीसी, आर्डिनेंन्स फैक्ट्री, एफआरआई, आइएमए, आइआइपी जैसे संस्थानों से यहां की अलग पहचान है। इन संस्थानों के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार तो प्राप्त है। यह संस्थान राज्य की आर्थिकी से भी जुड़े हुए हैं। एक ओर देश एवं प्रदेश में बेरोजगारी अपने चरम पर है। वहीं, सरकार इनका अस्तित्व मिटाया जा रहा है। इस प्रकार के नवरत्न संस्थानों में रोजगार के माध्यम से लाखों परिवारों का भरण पोषण हो रहा है। इन्हें देहरादून से अन्यत्र ले जाना भविष्य में और बेरोजगारी बढ़ाने जैसा आत्मघाती कदम होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से ओएनजीसी, आर्डिनेंन्स, एफआरआई, आइआइपी जैसे बडे संस्थानों में कार्मिकों की संख्या लगातार कम की जा रही है। नई भर्तियों की प्रक्रिया पूर्ण रूप से बंद पडी हैं। इससे यह भी प्रतीत होता है कि डबल इंजन की सरकार लोगों को नये रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के बजाय राज्य में पहले से उपलब्ध रोजगार के साधनों से भी वंचित कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व देहरादून की एक अन्य पहचान एफआरआई को भी ठेका प्रथा पर चलाने का निर्णय लिया जा चुका है, जो कि राज्य हित में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से व्यापक राज्य हित में ओएनजीसी के विभिन्न विभागों तथा मुख्यालय के स्थान्तरण पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।