उत्तराखंड कांग्रेस ने की कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग, डीजीपी के बयान की निंदा
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने धामी सरकार पर आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाया। कहा कि भाजपा रूपी कुंए में भ्रष्टाचार की भांग घुली हुई है। इसमें नहाने वाले सभी भ्रष्टाचार में पूरी तरह लतपत हैं। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी की संपत्ति के खुलासे के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि धामी सरकार के मंत्री गणेश जोशी के पास ऐसा कौन सा चिराग है, जिससे वह बिना किसी कारोबार, पैतृक सम्पत्ति के रातों-रात अरबपति बनते जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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करन माहरा ने यह कहा कि कुछ दिन पूर्व ही उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य के उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच सीबीआई से कराये जाने के आदेश से साबित हो चुका है कि भाजपा सरकार के मंत्री गणेश जोशी हर घोटाले में लिप्त हैं। उनकी यह सम्पत्ति घोटालों की देन है। इसकी जांच ईडी से कराई जानी चाहिए थी, परन्तु भाजपा की पूरी की पूरी राज्य सरकार घोटालों में आकंठ डूबी हुई है, फिर उनकी इस संपत्ति की जांच कैसे हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जनता के विकास का पैसा भाजपा के घोटालेबाजों की जेब में जा रहा है। इन घोटालेबाजों को नरेन्द्र मोदी और धामी सरकार का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का बार-बार विधवा विलाप करने वाली भाजपा सरकार में राज्य का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से अछूता नही है। जब अपनी सरकार के मंत्रियों की जांच की बात आती है, तो केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों को सांप सूंघ जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जब से राज्य में भाजपा ने सत्ता संभाली है, तब से लेकर आज तक चाहे विभागों में भर्तियां का मामला हो, चाहे निर्माण कार्यों का मामला हो। सभी में भाजपा नेताओं की मिलीभगत से भारी घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कृषि मंत्री गणेश जोशी को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किये जाने की मांग करते हुए कहा कि गणेश जोशी के घोटालों एवं संपत्ति की जांच ईडी और सीबीआई से कराई जानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डीजीपी के बयान को लेकर दी प्रतिक्रिया
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अंकिता भंडारी प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के बयान को भाजपा के प्रवक्ता के रूप में दिया गया बयान बताते हुए इसकी कडे शब्दों में निन्दा की है। स्वतंत्र पत्रकार तथा जागो उत्तराखंड के सम्पादक आशुतोष नेगी की गिरफतारी पर सरकार के बचाव में पुलिस महानिदेशक के बयान को भाजपा प्रवक्ता के रूप में दिया गया बयान बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने बयान की कड़ी निंदा गी। उन्होंने कहा कि पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफतारी पर पुलिस महानिदेशक का बयान सुनकर बड़ा अचंभा हुआ। उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है जैसे राज्य के पुलिस महानिदेशक नहीं, अपितु भाजपा के प्रवक्ता बोल रहे हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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करन माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड में वीआईपी के नाम का खुलासा करने में भी पुलिस अभी तक नाकाम रही है। उल्टे पुलिस द्वारा मामले को उलझाने के लिए कमरे का नाम वीआईपी बताया जा रहा है। इससे साबित हो चुका है कि राज्य की पुलिस द्वारा अपराध और अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि अंकिता भण्डारी द्वारा अपने वाट्सअप चैट में गेस्ट हाउस में आने वाले वीआईपी को अतिरिक्त सुविधायें देने की बात कही गई थी या वीआईपी कमरे की बात की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के सबसे जघन्य अंकिता भंडारी हत्याकांड मे सरकार और पुलिस के संरक्षण में भाजपा नेता के रिसोर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए। पुलिस के ट्विटर हैडल से स्वीकारोक्ति को क्यों डिलीट कर दिया गया? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्तमान पुलिस महानिदेशक को यह भी बताना चाहिए कि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एवं अंकिता भण्डारी के पिता के बीच दूरभाष पर हुई बातचीत को सोशल मीडिया में जानबूझ कर क्यों वायरल किया गया? उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक जैसे पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा जानबूझ कर बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल कर निजता के अधिकार का भी उलंघन किया गया। पुलिस महानिदेशक को पहले इन सवालों के जवाब देने चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस ने भाजपा सरकार के दबाव में जितनी तत्परता आशुतोष नेगी को गिरफ्तार करने में दिखाई उतनी तत्परता दोषियों को पकड़ने में दिखाई होती तो पीडिता के ताता पिता को न्याय के लिए धूप-सर्दी में दर-दर भटकना नहीं पडता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने यह भी कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीवीआईपी का नाम उजागर होने सहित इस हत्याकांड में एक नहीं सैकड़ों सवाल हैं, जिनके पुलिस की तरफ से जवाब अनुत्तरित हैं। पुलिस महानिदेशक को भाजपा के प्रवक्ता के रूप में नहीं जनता के सेवक और संरक्षक के रूप में जवाब देने चाहिए।
ये है डीजीपी का बयान
आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी। हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है। ऐसे में आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।