उत्तराखंड कांग्रेस ने सरकार पर लगाया बेरोजगारों से भद्दा मजाक करने का आरोप, नौ जुलाई की परीक्षा पर उठाए सवाल

उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश की धामी सरकार पर बेरोजगार युवकों से भद्दा मजाक करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा के नाम पर बार बार पेपर लीक हो रहे हैं या फिर नकल की भेंट चढ़ रहे हैं। वहीं, परीक्षाओं को दोबारा कराने की नई तारीख को लेकर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस ने नौ जुलाई को होने वाली परीक्षा को लेकर भी सवाल उठाए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस की प्रदेश की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के द्वारा ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण अधिकारी के लिए जो परीक्षा 4 और 5 दिसंबर 2021 में आयोजित की गई थी, वह परीक्षाएं नकल की भेंट चढ़ गईं और रद्द कर दी गई। अब उस परीक्षा को पुनः कराने के लिए 9 जुलाई 2023 की तारीख सुनिश्चित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इस वक्त कावड़ यात्रा जोरों पर है और 9 जुलाई को परीक्षा रखी गई है। ऐसे में रुड़की, हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश के परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर दिए गए हैं। कुछ परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र उत्तरकाशी हैं। कुछ के खटीमा, कुछ के परीक्षा केंद्र काशीपुर हैं और कुछ के हल्द्वानी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा के समय यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाती है। ऐसे में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने में परेशानी होगी। परीक्षा केंद्र पर जाने वाले परीक्षार्थि बेरोजगार हैं। वे अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए चार से पांच हजार रुपये किस तरह से वहन करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा की आयोग के द्वारा परीक्षा केंद्र का चयन करते समय ये बड़ी लापरवाही बरती गई है। आयोग को कैलेंडर जारी करने से पहले कावड़ यात्रा के बारे में जानकारी होते हुए भी इस तरह की चूक नहीं करनी चाहिए थी। आयोग केवल इस परीक्षा को कराकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहता है। दसौनी ने कहा की आयोग को चाहिए कि वह 9 जुलाई की परीक्षा को स्थगित करके या तो 16 जुलाई को फिर 23 जुलाई तारीख को कराए। साथ ही आयोग को संवेदनशील होते हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों की सुविधा का भी ध्यान में रखना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही साथ दसौनी ने प्रेस वार्ता के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड के समान नागरिकता कानून का भविष्य जानना चाहा। दसौनी ने कहा कि हतप्रभ करने वाली बात है कि समिति ने जब 5 दिन पहले ही मसौदा तैयार हो जाने की बात कही थी, तो अभी तक वह ड्राफ्ट मुख्यमंत्री तक क्यों नहीं पहुंचा और मुख्यमंत्री बताएं कि यूसीसी के लिए महीनों से चल रही कवायद और समिति पर करोड़ों रुपया बहाने के बाद अब उत्तराखंड के यूसीसी का क्या होगा?
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।