उत्तराखंडः सीएम की शपथ ग्रहण करने के बाद टीएसआर ने किया शहीदों को नमन, जानिए कौन हैं टीएसआर, उनकी चुनौतियां

उत्तराखंड में भाजपा विधानमंडल की बैठक में नेता का चयन होने के बाद तीरथ सिंह रावत (टीएसआर) ने बुधवार की शाम राजभवन में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। जल्द ही वे मंत्रीमंडल का विस्तार करेंगे। इसके बाद मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई जाएगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण के पश्चात कचहरी स्थिति शहीद स्मारक जाकर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने कहा कि उनकी सरकार शहीद राज्य आंदोलनकारियों की भावना के अनुरूप राज्य का विकास करने के लिए कृतसंकल्प है।
शिवरात्रि की दी बधाई
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व शिव एवं शक्ति की आराधना का पर्व है। यह समाज को प्रेम और सद्भाव का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने इस पावन पर्व पर प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं समृद्धि की प्रार्थना की है।
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद आज देहरादून में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में चली विधानमंडल की बैठक में तीरथ सिंह रावत के नाम पर उत्तराखंड के सीएम के लिए मोहर लगा दी गई थी। तीरथ सिंह रावत पौड़ी संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य हैं। पार्टी ने ऐसा नेता तय किया, जो कभी विवादित नहीं रहा। साथ ही उनकी छवि भी साफ सुथरी है। साथ ही वह संघ से भी जुड़े हैं। इस बार सीएम चयन को लेकर संघ की भूमिका भी अहम रही।
शपथ ग्रहण के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून आए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल आदि शामिल थे। सुबह दस बजे भाजपा कार्यालय में विधायक दल की बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह के नाम का प्रस्ताव किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ ही प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी मौजूद थे। हालांकि ये बैठक औपचारिक थी। नाम दिल्ली से तय होकर आया। यहां सिर्फ नाम पर मोहर लगाई गई। इस मौके पर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। एकमात्र पार्टी कार्यकर्ता, जो एक छोटे से गांव से आता है। पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। कहा कि पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी, उसे सहर्ष स्वीकार किया, बेहतर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं छोटे से गांव का हूं। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देगी।
तीरथ को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दी शुभ कामनाएं
उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत व प्रदेश महामंन्त्री संगठन अजेय ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत को पुष्प गुच्छ देकर बधाई और शुभकामनाएं दी।भगत ने कहा कि वह तीरथ सिंह रावत अपनी क्षमता से राज्य को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगे और उनके नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य के विकास को और अधिक गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में राज्य का चहुंमुखी विकास हुआ और तीरथ अपने अनुभव से निश्चित तौर पर उन कार्यों को नयी दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन से ही संघर्षशील और जन सरोकारो से जुड़े रहे हैं व संग़ठन के कार्यकर्ताओं से उनका गहरा जुड़ाव रहा है और निश्चित रूप से राज्य व भाजपा संगठन को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओ से सरकार की उपलब्धियों को घर घर पहुचाने और विपक्ष के भ्रामक प्रचार का मुहतोड़ जवाब देने को कहा।
ऐसे हुआ नेतृत्व परिवर्तन
गौरतलब है कि छह मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक वरिष्ठ भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह देहरादून आए थे। उन्होंने भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद फीडबैक लिया था। इसके बाद उत्तराखंड में आगामी चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री बदलने का फैसला केंद्रीय नेताओं ने लिया था। इसके बाद मंगलवार नौ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, आज भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज शाम चार बजे उन्होंने एक सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
तीरथ सिंह रावत का परिचय
तीरथ सिंह रावत भारतीय भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ है। वह फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012-2017) हैं। वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। उनका जन्म सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में हुआ था। उनके पिता श्री कलम सिंह रावत थे।
तीरथ सिंह रावत भारतीय भारतीय जनता पार्टी से संबंधित राजनीतिज्ञ है। वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। इससे पूर्व वर्ष 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री रहे हैं।
हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। इसके बाद 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए। रावत को पौड़ी सीट से भारत के 17 वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था,जिसमें वे भारी मतों से विजयी हुए। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के श्री मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया।
उत्तराखंड के अब तक मुख्यमंत्री
नित्यानंद स्वामी
भगत सिंह कोश्यारी
नारायण दत्त तिवारी
भुवनचंद्र खंडूड़ी
रमेश पोखरियाल निशंक
विजय बहुगुणा
हरीश रावत
त्रिवेंद्र सिंह रावत
नए सीएम के सामने तीन चुनौती
तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके और भाजपा संगठन के सामने तीन चुनौतियां हैं। इनमें पहली चुनौती नए तीरथ सिंह रावत को विधानसभा के लिए चुनाव लड़ना है और उस सीट को जीतना है। दूसरी चुनौती ये है कि पौड़ी लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देने के बाद इस सीट को भाजपा के पक्ष में बचाए रखना है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से जीताना है। वक्त सिर्फ नौ माह का बचा है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत क्या जादू करते हैं, ये आने वाला वक्त बताएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
देखते हैं ये टी एस आर क्या करते हैं