आम बजट: उत्तराखंड के सीएम ने की तारीफ, राजनीतिक दलों ने केंद्र को घेरा, कर्मचारी संगठन निराश, उत्तराखंड को ठेंगा
भारत सरकार के आम बजट को जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देशवासियों की आकंक्षा के अनुरूप बताया, वहीं, प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस सहित अन्य संगठनों ने इसे निराशाजनक बताया। यहां तक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी कहा कि बजट से कर्मचारी तबके को निराशा हाथ लगी। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड को ग्रीन बोनस की अपेक्षा को इस बार भी वित्त मंत्री ने ठेंगा दिखा दिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में बहुत ही समावेशी बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री जी की मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई देती है। मुख्यतः 6 स्तम्भों पर आधारित इस बजट में आधारभूत संरचना के विकास, रोजगार सृजन के साथ ही गांवों और किसानों का ख्याल रखा गया है। इस बजट को सभी देशवासियों की आकांक्षाओं का बजट कह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से स्वस्थ और सुरक्षित भारत की परिकल्पना पूर्ण होगी। हेल्थ केयर में 137 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बजट आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा। विभिन्न चरणों में आत्मनिर्भर भारत पैकेज कुल मिलाकर 27.1 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि जीडीपी का 13 प्रतिशत है। वर्तमान बजट में इसे और आगे बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लांच की जाएगी जिसके तहत 6 सालों में 64180 करोड़ रूपए खर्च कर स्वास्थ्यगत ढांचे को और मजबूत किया जाएगा। इसी प्रकार पोषण अभियान को भी आगे बढ़ाने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के लिए भी जलजीवन मिशन लांच किया जाएगा। इसमें 2 लाख 87 हजार करोड़ रूपए से पांच वर्षों में 2 करोड़ 86 लाख घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 शुरू किया जाएगा जिसके तहत पांच वर्षों में 1 लाख 41 हजार 678 करोड़ रूपए का प्राविधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में भी अनेक प्राविधान किए गए हैं। रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रूपए किया गया है। 1 हजार और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। माइक्रो इरिगेशन फंड को भी दोगुना किया जाएगा। स्वामित्व योजना को पूरे भारत में लागू करने की बात कही गई है। 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाईल पार्क से बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। किफायती आवास योजना को भी एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया है।
निराशाजनक और असफल बजटः हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय बजट को उत्तराखंड के लिए निराश जनक बताया। उन्होंने कहा की ग्रीन बोनस, आर्थिक पैकेज व ग्रामीण क्षेत्रों की निराशा को दूर करने व उत्पादन बढ़ाने में असफल बजट है। महंगाई को बढ़ाने वाला है। कांग्रेस की सरकारों ने जो सार्वजनिक क्षेत्रों में ऐसेट बनाए थे, ये उसको बेच रहे हैं। मिडल व लोअर मिडल क्लास व वेतन भोगी सरकार व अन्य करमचरियों का भी हित नही देखा है। उनको कोई राहत नही उनकी के जेब में से पैसा निकाल रहे हैं। आयकर में छूट नही बढ़ाई, निर्यात को बढ़ाए बिना पूँजी कैसे आएगी।
हरीश रावत ने कहा कि चिकित्सा में किया गया धन का प्रावधान तो आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शाए के लिए भी विरोधाभाषी है। निजी अस्पताल में इलाज महंगा है। उसकी भी अनदेखी की है। सरकारी अस्पतालों की उपेक्षा की है। उम्मीद थी किसान की आय व उत्पादन को बढ़ाने को कुछ करेंगे व शिक्षा नीति के अनुरूप परिवय नही रखा है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने उत्तराखंड को निराश किया है। महिलाओं, युवाओं को रोजगार देने में भी निराश किया। सरकार केअपने चंद अपने पूंजीपति मित्रों के लाभ वाला बजट है। उनके दोस्तों की पूँजी में और इजाफा हो जाएगा। उत्तराखंड की पूर्व में स्वीकृत सड़कों व रेल गाड़ियों की भी अनदेखी की है। उत्तराखंड को डबल इंजन ने डबल निराश किया है।
न रोजगार सर्जन न महंगाई पर रोक का इंतजामः धस्माना
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज संसद में पेश हुए केंद्रीय बजट 2021-22 को देश व उत्तराखंड राज्य के लिए घोर निराशा करने वाला बजट करार दिया है। पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए धस्माना ने कहा कि आम जनता की इतनी उपेक्षा करता हुआ बजट उन्होंने कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि आज तीन प्रमुख क्षेत्र रोजगार सृजन, महंगाई पर नियंत्रण व किसान की आय बढ़ाने के मामले में देश की जनता को बहुत उम्मीदें थी किन्तु ये तीनों ही बजट में गायब हैं।
धस्माना ने कहा कि ना तो सरकार ने बजट में रोजगार सृजन के तरीकों पर कोई रौशनी डाली ना ही महंगाई कम कर लोगों को राहत देने का कोई तरीका ईजाद किया। बजट में किसान की आय बढ़ाने का तो मतलब ही नहीं है। धस्माना ने कहा कि आज जब इस कोरोना काल में लोगों के रोजगार छिन गए, महंगाई आसमान पर है व देश का किसान कृषि व्यापार के लिए बनाए गए तीन काले कानूनों का विरोध कर रहा है ऐसे में बेरोजगार किसान व देश के आम आदमी की उपेक्षा समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की दृष्टि से भी यह बजट घोर निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के पर्यावरण में अहम भूमिका निभाने की एवज में उत्तराखंड के जनमानस की ग्रीन बोनस की अपेक्षा को इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ठेंगा दिखा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को न कोई बड़ी परियोजना मिली है ना ही आपदा पुनर्निर्माण के लिए कोई पैकेज। उन्होंने कहा कि कुल मिला कर राष्ट्रीय व राज्य परिपेक्ष में केंद्रीय बजट निराशाजनक है।
कॉरपोरेट परस्त है बजट
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि केंद्रीय बजट पूरी तरह कॉरपोरेट परस्त है। इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। यह बजट देश के संसाधनों की नीलामी का परवाना है। बीमा में एफडीआई के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने का इरादा सरकार ने साफ कर दिया है। बजट में स्पष्ट कर दिया गया है कि सार्वजनिक निगमों का विनिवेश यानि बिक्री ही सरकार का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि मंहगाई और बेरोजगारी के प्रति सरकार आंखें मूंदे हुए है। इससे राहत देने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस प्रयास कहीं नहीं है। किसान आंदोलन के बीच पुनः किसानों की आय दोगुना करने का झुनझुना बजाया गया है, जबकि तीन कृषि कानून किसानों को उनकी जमीनों से ही बेदखल करने के कानून हैं। बजट में बिजली क्षेत्र के निजीकरण और उपभोक्ताओं पर उसके बोझ के संकेत भी स्पष्ट देखे जा सकते हैं।
माकपा ने बजट को बताया गरीब विरोधी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पेश बजट को गरीब विरोधी तथा कारपेटपरस्त कहा है । पार्टी की बैठक में कहा गया है कि गैस, पैट्रोल, डीजल आदि आम आदमी से सम्बन्धित वस्तुओं के दाम बजट से ही पहले बढा दिया गया। इस प्रकार कोरना काल के सभी केन्द्रीय घोषणाओं का लाभ भी कोरपोरेट को मिला। कुल मिलाकर सरकार ने बजट के माध्यम से अपने को जनताविरोधी साबित किया है। जीवन बीमा आदि नीजिकरण तथा कई सैक्टरों का नीजिकरण व विदेशी दरवाजों को खोलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बैठक में राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, सुरेंद्र सिंह सजवाण, अनन्त आकाश, लेखराज, कमरूद्दीन, माला गुरूंग, शम्भू ममगाई, किशन गुनियाल आदि ने विचार व्यक्त किए।
राज्य कर्मचारियों ने कहा-बजट से कर्मचारी निराश
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाई पावर कोर कमेटी की बैठक में भारत सरकार के आम बजट पर चर्चा की गई। बैठक में भारत सरकार के वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट में आयकर कटौती की सीमा के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की बढ़ोत्तरी न किए जाने पर निराशा व्यक्त की गई। बैठक के संबंध में कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के दृष्टिगत केन्द्र एवं राज्य के समस्त कर्मचारियों को पूर्ण उम्मीद थी कि वर्ष 2021-22 के बजट में आयकर कटौती की सीमा को 5.00 लाख के स्थान पर 10 लाख कर दिया जाएगा। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि एक तरफ जहां आयकर कटौती की सीमा में वृद्धि नहीं की गई, वहीं दूसरी तरफ सेस लगाने के साथ ही टीजल एवं पट्रोल की कीमतों में वृद्धि के प्राविधान किये गये है। इन निर्णयों से सीधे प्रभाव से आमजन के उपयोग में आने वाली समस्त दैनिक वस्तुओं की दरों की वृद्धि स्वभाविक है। आयकार कटौती की सीमा में वृद्धि न किये जाने से
वेतनभोगी समुदाय की बचत प्रभावित होगी, जिससे उसकी क्रय क्षमता में कमी आने से बाजार में पैसा नहीं आ सकेगा। वहीं, सरकार का पूरा प्रयास बाजार एवं उत्पादन की आर्थिकी में सुधार लाने पर है, जोकि तब तक सम्भव नहीं है, जब तक देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता वेतनभोगी समुदाय की क्रय शक्ति में वृद्धि नहीं होगी।
बैठक में ठा. प्रहलाद सिंह, नन्दकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गुदडी मदुला, रेणु लाग्या, बाबू खान, पानसिंह राणा, इन्द्रमोहन कोठारी, सुभाष शर्मा आदि कर्मचारी नेता उपस्थित थे।
बजट में विकास की मजबूत इच्छा शक्ति : भगत
उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने आम बजट में जिस तरह विकास का खाका खींचा है उससे उसका विकास के प्रति मजबूत इच्छा शक्ति परिलक्षित हुई है। भगत ने आम बजट को सराहते हुए कहा कि बजट में रोजगार के साथ खेती किसानी और गावं को केंद्र मे रखा गया है वहीं 15000 आदर्श विद्यालय बनाने, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए 50 हजार करोड़ आवंटन, एनजीओ और निजी स्कूलों को मिलाकर 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाने, एकलव्य विद्यालयों की स्थापना, लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना इत्यादि सभी देश की शिक्षा तंत्र को भविष्य के लिए तैयार करेंगी।
भगत ने कहा कि इसके अलावा नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के लिए प्रस्तावित 50 हज़ार करोड़ रुपए के आवंटित किए गए है। इससे एक बड़ी और जीवंत अर्थव्यवस्था को विकसित करने और बनाए रखने में ज्ञान सृजन और अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इससे न केवल समाज का उत्थान होता है बल्कि राष्ट्र को सतत रूप से और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में प्रेरणा भी मिलेगी ।
भाजपा अध्यक्ष भगत ने कहा कि हेल्थ केयर में 137 प्रतिशत की वृद्धि की गई है तो रेल लाइन का विस्तार, हाईवे तथा अन्य क्षेत्रो में भी आधार भूत सरचनाओ की मजबूती की दिशा में अहम कदम उठाने के प्रवधान बजट में किया गया है। वर्तमान बजट में इसे और आगे बढ़ाया गया है। शहरी क्षेत्रों के लिए भी जलजीवन मिशन, किसानों की आय दोगुनी करने, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रूपए करने, 1 हजार और मंडियों को डिजिटल करने, 100 नए सैनिक स्कूल खोलने की योजना निश्चित रुप से क्रान्तकारी बदलाव लयेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।