उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने किया कई योजनाओं कालोकार्पण और शिलान्यास, कुंभ मेले के लिए ऊर्जा निगमों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिला सीमांत जरूर है, लेकिन यहां के लोगों में आगे बढ़ने का जज्बा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ उठाने में उत्तरकाशी नंबर एक पर रहा है। मनरेगा के तहत भी 100 दिन में सबसे अच्छा काम उत्तरकाशी जिले में हुआ है। हमारी सरकार ने मनरेगा का कार्यदिवस 100 से बढ़ाकर 150 किए हैं। ताकि ऐसी ही मेहनतकश लोगों को इस योजना का और अधिक लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि खुशी की बात यह है कि उत्तरकाशी जिले में सर्वाधिक 4882 लोग 100 दिन पूरे कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी खासकर यमुना वैली मोरी से उनका पुराना नाता है। मैं यहां अक्सर आता रहा हूं, इसलिए घाटी की समस्या से भलीभांति वाकिफ हूं। प्राथमिकता के आधार पर इलाके की समस्याओं का निदान होगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सड़कों से ही किसी क्षेत्र के विकास के रास्त् खुलते हैं। हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बछाने में फोकस किया। राज्य निर्माण के बाद 17 वर्षों के दौरान कुल जितनी सड़कें बनीं, हम अपने कार्यकाल में उस संख्या से महज 124 सड़क पीछे हैं। यानि हमने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में उससे पूर्व के 17 वर्षों के लगभग बराबर ही सड़कों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ी जिलों विशेषक सीमांत जनपदों में 127 पुलों के निर्माण के बजट स्वीकृत किया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मोरी-नैटवाड़-सांकरी मार्ग के डामरीकरण, पेयजल योजना और बुराड़ी-पैसल मोटर मार्ग की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री के साथ उच्च शिक्षा एवं जनपद प्रभारी मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान, विधायक पुरोला राजकुमार, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसपी मणिकांत मिश्रा, ब्लाक प्रमुख मोरी बचन पंवार उपस्थित रहे।
इन योजनाओं का किया लोकार्पण
-मैन्द्रथ-भंकवाड़ मोटर मार्ग किलोमीटर 9 में 24 मीटर लौह सेतु के निर्माण कार्य लागत 142.23 लाख ।
-ट्रांजिस्ट हॉस्टल पुरोला का निर्माण लागत 264.28 लाख।
-ट्रांजिस्ट हॉस्टल नोगांव का निर्माण लागत 264.28 लाख।
-रा.उ.मा विद्यालय भंकोली भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 68.36 लाख।
-रा.उ.मा विद्यालय गढ़ खाटल भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 61.04 लाख।
-खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग स्टेज II निर्माण कार्य लागत 821.07 लाख।
-खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग के किमी 2 में केदार नदी पर 30 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण लागत 198.13 लाख।
-ग्राम खोदी लिवाड़ी के निकट सुपिन नदी पर 90 मीटर स्पान के पैदल सेतु का पुनःनिर्माण कार्य लागत 607.98 लाख।
-दिल्ली – यमुनोत्री मोटर मार्ग के रिखाऊ खड्ड से रिखाऊ गांव तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 464.63 लाख।
इन योजनाओं का किया शिलान्यास
-देवजानी – घटटूगाड के सागली राटा तोक में क्षतिग्रस्त पैदल आरसीसी पुलिया का पुन:निर्माण 17.70 लाख।
-देवती-ठडियार मोटर मार किमी एक में सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 38.39 लाख।
-गुंदियाटगांव से रामा मोटर मार्ग किलोमीटर 1 से 2 तक सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 51.86 लाख।
-त्यूणी-पुरोला-नौगांव राज्य मार्ग संख्या 17 के किमी 84 में इंटर लॉकिंग टाइल्स एवं नाली निर्माण का कार्य 41.48 लाख
-ढकाड़ा मोटर मार्ग में आरसीसी पुलिया निर्माण 28.05 लाख।
-गुंदियाटगांव मोटर मार्ग के किमी 6 से 12 का हल्का वाहन मोटर मार्ग का चौड़ीकरण एवं डामरीकरण लागत 279.5 लाख।
-सुनाली निचला देवरा मोटर मार्ग किमी एक में सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 73.85 लाख।
-प्राथमिक विद्यालय बीफ भवन निर्माण कार्य 24.77 लाख।
-रा.उ.मा.विद्यालय देवजानी II मुख्य भवन निर्माण कार्य लागत 141.43 लाख।
-मुसई सट्टा किमी 7 से मसरी मोटर मार्ग स्टेज II एवं किमी एक पर 24 मीटर स्पान लौह सेतु निर्माण लागत 250.32 लाख।
-कलासी से बिंगसारी मोटर मार्ग स्टेज II, लम्बाई 6.5 किमी के निर्माण कार्य लागत 331.38 लाख।
-मैन्द्रथ-भंकवाड़ सड़क किमी 2.50 से बेगल मोटर मार्ग स्टेज II लम्बाई 6 किमी के निर्माण कार्य 333.07 लाख।
-जखोल-लिवाड़ी मोटर मार्ग किमी एक में सूपिन नदी पर 54 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण कार्य 413.17 लाख।
महासू देवता मंदिर में की पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मोरी में आयोजित कार्यक्रम के बाद सड़क मार्ग से हनोल पहुंचे। जहां उन्होंने महासू देवता मंदिर में माथा टेका और पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की। इस दौरान उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में मृत लोगों की आत्मा की शांति और लापता लोगों के सकुशल मिलने की प्रार्थना की। मंदिर समिति ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। उसके उपरांत मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगी तहसील त्यूणी के लिए प्रस्थान किया। जहां वे विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। इस दौरान उच्च शिक्षा, सहकारिता मंत्री डा. धनसिंह रावत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूर्तराम शर्मा, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव उपस्थित थे।
पंडित शिवराम के नाम से पहचाना जाएगा त्यूणी महाविद्यालय
तहसील त्यूणी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नव निर्मित महाविद्यालय भवन लागत 711.21 लाख एवं राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान रूसा परियोजना के अंर्तगत कम्प्यूटर प्रयोगशाला लागत 201.99 लाख की महत्वपूर्ण योजना का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने त्यूणी के नव निर्मित महाविद्यालय भवन का नाम पंडित शिवराम शर्मा जी के नाम पर रखने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने जौनसार बावर क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जानी वाले मीनस-अटाल मोटर मार्ग समेत तमाम सड़कों के डामरीकरण, मेघातु पम्पिंग योजना के निर्माण, नीनुस मोटर मार्ग के निर्माण, रायगी में शेड पुड़िया महाराज मंदिर का सौन्दीर्यकरण करने आदि की घोषणाएं कीं।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा उन्नयन के क्षेत्र में कई सफल प्रयास किए हैं। आज उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां के सभी महाविद्यालयों में 97 परसेंट फैकल्टी है। त्यूणी माहाविद्यालय में तो 100 फीसदी फैकल्टी तैनात है। इतना ही नहीं हमारा राज्य साक्षरता के लिहाज से देश में अग्रणी राज्यों में हैं। देहरादून उन जिलों में शुमार हुआ है जो लगभग शत प्रतिशत साक्षर है, हालांकि अभी थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल रोजगार नहीं है। 130 करोड़ के देश मे 2.5 करोड़ ही सरकारी कर्मचारी हैं। बाकी लोग अपनी मेहनत से काम कर रहे हैं। हम ऐसा काम करें जिससे हम औरों को भी रोजगार दे सकें। सरकारी नौकरी के बजाए स्वरोजगार को पहली प्राथमिकता में रखों। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी जी के दिशा निर्देशन में बनी देश की नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति के अनुरूप है जिसका जिसका पूरा विश्व अध्ययन कर रहा है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा, सहकारिता मंत्री डॉ धनसिंह रावत ने कहा कि अगले साल प्रत्येक महाविद्यालय में 4जी नेटवर्क जोड़ दिया जाएग। प्रत्येक कालेज को एनसीसी दे जा रही है। अब स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। महाविद्यालय के टॉपर बच्चे को 1 लाख इनाम दिया जाएगा। गरीब बच्चों के कोचिंग आईएएस आदि तैयारी करने वाले बच्चों के लिए 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चौहान ने कहा कि राज्य सरकार निरन्तर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने डागुठा-मुडाली मोटर मार्ग, चांजोई सड़क मार्ग, झजरेड पुल, सहित सरकार की कई विकासपरक योजनाओं की उपलब्धियां गिनाईं।
विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान ने भी जनता को सम्बोधित करते हुए बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार किस तरह योजनाबद्ध तरीके से राज्य का विकास कर रही है। उन्होंने चमोली आपदा में जनपद के मिसिंग लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उत्तराखंड जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने भी क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमँत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार जताया।
इस दौरान देहरादून जिला उपाध्यक्ष भाजपा राजाराम, ग्राम प्रधान रतन चौहान, रमेश डोभाल, महाविद्यालय के प्राचार्य अंजना श्रीवास्तव, दर्जाधारी राज्य मंत्री उत्तरकाशी जगवीर सिंह भंडारी समेत कई जनप्रतिनिधिगण व जनता मौजूद रही।
ऊर्जा निगमों को आपसी समन्वय से कार्य करने के दिए निर्देश
मख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में विद्युत विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार नरेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव वित्त सौजन्या, अपर सचिव एवं प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल के साथ ही निगमों के निदेशकों के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में तैनात अधीक्षण अभियंता गण उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऊर्जा के तीनों निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही जनता को बेहतर बिजली व्यवस्था सुलभ हो सके। उन्होंने विद्युत लाइन लॉस में कमी लाये जाने के साथ ही प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर व्यवस्था बनाये जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम एवं उरेड़ा राज्य की आय के भी आधार है। अतः इनमें बेहतर कार्य प्रणाली एवं कार्य कुशलता जरूरी है। उन्होंने तीनों निगमों की कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शी व्यवस्था के विकास हेतु बिजलेंस की व्यवस्था हेतु तीन पदों की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल में आवश्यकतानुसार जे.ई की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आगामी कुम्भ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुरानी विद्युत परियोजनाओं के सुधारात्मक उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने एलईडी ग्राम लाइट योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने हेतु बंगाल के दक्ष करीगरों की सेवायें लेने को कहा ताकि उनके स्तर पर और बेहतर उत्पादन हो सके तथा आर्थिक संसाधनों में और अधिक वृद्धि हो सके।
बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा द्वारा प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यों तथा ऊर्जा के तीनों निगमों एवं उरेडा के द्वारा कराये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों, उपलब्धियों तथा सुधारों की जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा विभाग के निगमों एवं अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु प्रमुख निष्पादन सूचकांक (के.पी.आई.)के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है। रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न पदों पर भर्ती के साथ ही निगमों के निदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हेतु नीति बनाई गई है।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के संबन्ध में प्रस्तुतिकरण में श्रीमती राधिका झा द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा वर्ष 2019-20 में 5088.88 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया जो कि न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह समाहित करते हुए निगम का अब तक का सर्वोच्च विद्युत उत्पादन है। साथ ही उन्होंने बताया कि निगम द्वारा राज्य को उसकी अंशपुजी पर रू0 40.01 करोड़ का लाभांश दिया गया है जोकि अभी तक का निगम द्वारा दिया गया सर्वोच्च लाभांश है। निगम द्वारा विभिन्न आर.एम.यू. एवं नई परियोजनाओं के निर्माण द्वारा विगत तीन वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में 10.75 मेगावाट की वृद्धि की गई है।
उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन के बारे में सचिव ऊर्जा ने बताया कि निगम द्वारा विगत चार वर्षों में राजस्व वृद्धि की बढ़ोतरी के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। इसके अंतर्गत विद्युत चोरी हतोत्साहित करने हेतु ऊर्जागिरी अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। साथ ही बिलिंग दक्षता में 4 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की गई है एवं वर्ष 2020-21 में ए0टी0 एण्ड सी0 हानियों में भी कमी की गई है।
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के बारे में बताया गया कि विगत वर्षों में ट्रांसमिशन हानियां को विशेष प्रयासों द्वारा 1.71 प्रतिशत से कम कर 1.21 प्रतिशत तक लाने के साथ ही ट्रांसमिशन उपलब्धता में भी वृद्धि की गई है एवं पिटकुल द्वारा सरकार को लाभांश भी दिया गया है। उरेडा के बारे में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत नई परियाजनाओं की स्थापना में विगत चार वर्षों में पिछली पंचवर्षीय योजना की तुलना में 215 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा वर्तमान में निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूर्ण होने के उपरान्त 446 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी।
सचिव ऊर्जा ने बताया कि अक्टूबर 2020 में प्रारम्भ की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना-2020 के अंतर्गत अभी तक 114 परियोजनाएं आवंटित कर दी गईं। वर्ष 2018 में पिरूल नीति लागू कर कुल 1785 किलोवाट की 58 परियोजनाएं विद्युत उत्पादन हेतु एवं 4 परियोजनाएं ब्रिकेटिंग इकाइयों हेतु आवंटित की गईं। उन्होंने बताया कि 129.50 मेगावाट की विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण, विद्युत लाईनों को भूमिगत करने का कार्य तथा सबस्टेशनों के निर्माण के साथ ही स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों को पूर्ण करन के कार्यों हेतु लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।