उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक, कर्मचारी खुश, मेडिकल छात्रों को राहत, पढ़िए फैसले

बैठक में गोल्डन कार्ड को की खामियों को दूर करने और अटल आयुष्मान के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओ में राहत देने, रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन में राहत, कैबिनेट ने फैसला लिया कि दीपावली में कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा। इससे 1 लाख 60 हजार कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा। NHI DCL को उत्तराखंड में कार्यदायी संस्था के रूप में इंपेनल किया गया।
कैबिनेट के फैसले
–सरकारी मेडिकल कालेज में बांड पर 50 हजार और बाकी सीटों पर 1 लाख 45 हजार रुपये अब मेडिकल फीस कर दी गई है ।पहले 4 लाख से ज्यादा थी फीस।
-गोलडन कार्ड को लेकर कैबिनेट ने अनुमोदन दिया CGHC की दरें होंगी लागू।
– दीपावाली के बोनस को मंजूरी, 1 लाख 60 हजार कर्मचारियों को फायदा।
-सोबन सिंह जीना अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में NMC के मनको के हिसाब से 197 नए पद सृजित कर दिए गए है।
-आशा कार्यकत्रियों को 2 हज़ार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला।
– प्रदेश में प्रमोशन में शिथिलीकरण लागू करने का फैसला।
-पहाड़ो में खनन रिटेल भण्डारण में बदलाव पहाड़ी इलाको में 250 मीटर की अनिवार्यता को नदी से दूरी 50 मीटर कर दिया गया है , भंडारण की अनुमति DM ही देंगे।
-आपदा प्रभावित इलाकों में होगा चिन्हीकरण रिवर ट्रेजिंग को लेकर नए नियम बनाये गए।
-अवैध खनन को लेकर भी नियमावली में भी संसोधन।
-गैरसेंण में 29 और 30 नवंबर को सत्र होगा।
-11 मेधावी बच्चों को टेबलेट अब 2 gb का मिलेगा।
-रिटायर्ड कर्मचारी एवं पेंशनरों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है।
-उत्तराखंड सरकारी पदोन्नति सेवा को वर्तमान चयन वर्ष के लिए किया गया पुनर्जीवित।
-एनएचआई-डीसीएल को कार्यदायी संस्था के रूप में किया गया नामित।
-रिटेल भंडारण के मानकों में किया गया संशोधन।
-उत्तराखंड खनिज भंडारण परिवहन नियमावली में किया गया संसोधन।
-स्टोन क्रेशर नीति में किए गए संशोधन।
-पेयजल और शौचालय सुविधा के विलंब शुल्क हो मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाया गया।
-मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मिलेगा प्रोटीन युक्त भोजन।
-उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास में प्रमोशन के लिए नियमावली को मिली मंजूरी।
-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में किया गया संशोधन।
-कृषि सेवा समूह में पदोन्नति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम।
-सरकारी संस्थओं और ठेकेदारों के विवाद को लेकर बनाई गई सेवानिवृत्त अधिकारियों की समिति की रिपोर्ट कैबिनेट में लायी गयी।
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने जताया आभार
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश प्रवक्ता अरुण पांडे एवं प्रताप सिंह पवार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आज मंत्रिमंडल द्वारा राज्य कर्मचारियों एवं शिक्षकों के हितों से संबंधित लिए गए निर्णयों का स्वागत किया। समन्वय समिति के साथ दिनांक 22 अक्टूबर 2021 को हुई बैठक में मुख्य सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन को पूर्ण किए जाने पर राज्य सरकार एवं शासन का धन्यवाद व्यक्त किया। पांडे ने बताया कि विगत 6 सितंबर से समन्वय समिति अपने 10 मान्यता प्राप्त परिसंघो के सदस्यों के साथ पूरे प्रदेश में आंदोलनरत थी। समिति के 18 सूत्री मांग पत्र पर समन्वय समिति के साथ लगातार शासन व सरकार के स्तर पर वार्ता होती रही एवं समन्वय समिति द्वारा दिनांक 26 अक्टूबर से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल के दृष्टिगत दिनांक 22 को मुख्य सचिव महोदय के स्तर से आश्वासन देते हुए आंदोलन को स्थगित करने की अपील की गयी। जिसके दृष्टिगत समन्वय समिति द्वारा अपना आंदोलन आगे बढ़ाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि 22 नवंबर घोषित की गई। आज की मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के कार्मिकों के लिए बोनस संबंधी निर्णय भी आशा के अनुरूप किए गए है। इन निर्णयो को लेकर भी समन्वय समिति द्वारा राज्य सरकार और शासन का धन्यवाद अदा किया गया।
वीडियो में सुनें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण पांडे की प्रतिक्रिया
समन्वय समिति की तरफ से इस बात पर भी आशा व्यक्त की गई की मुख्य सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार समन्वय समिति के 18 सूत्री मांग पत्र की अन्य मांगों पर भी शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय करते हुए प्रदेश को दिनांक 22 नवंबर 2021 से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल से बचाया जा सकेगा।
राजकीय प्रधानाध्यापक शैक्षणिक परिषद ने जताया आभार
राजकीय प्रधानाध्यापक शैक्षणिक परिषद उत्तराखंड, ने पदोन्नतियों में शिथिलता संबंधी 2010 नियमावली को बहाल करने, पदोन्नति में अर्हकारी सेवाओं में राज्य सरकार द्वारा शिथिलता प्रदान करने के मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया। इस बहुप्रतीक्षित कार्य के लिए मु्ख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे तथा मंत्रिमंडल के समस्त सदस्यों का आभार व्यक्त किया है। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत सरकारी इंटर कॉलेजों में वर्तमान में लगभग 1050 से अधिक प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं, जिससे सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की शिक्षा व्यवस्था पर अत्यंत दुषप्रभाव पड़ रहा है। राज्य में महिला पुरुष संवर्ग के क्रमशः 140 और 1247 कुल 1387 प्रधानाचार्य के पद स्वीकृत हैं, जिनमें वर्तमान समय में 69 एवम् 311 कुल 380 कार्यरत प्रधानाचार्य हैं, जबकि दोनों संवर्गों में 1050 से अधिक पद रिक्त चले आ रहे हैं तथा 150 से अधिक प्रधानाचार्य सेवानिवृति की कगार पर हैं।
राजकीय इंटर कालेजों के प्रधानाचार्य पदों पर नियुक्ति का आधार हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों की शत प्रतिशत पदोन्नति से है, किंतु जटिलता यह है कि प्रधानाध्यापक पद पर 5 वर्षों की अर्हकारी सेवाओं के उपरांत ही डीपीसी का प्रावधान है। राजकीय प्रधानाध्यापक शैक्षणिक परिषद उत्तराखंड कई वर्षों से प्रधानाचार्य सेवा नियमावली के अंतर्गत निर्धारित की गई in-build अनुमन्य शिथिलता प्रदान करते हुए पदोन्नति की मांग करता रहा है।
प्रदेश में राज्य के हाई स्कूलों की संख्या कम होने के कारण पर्याप्त संख्या में अनुमन्य पदोन्नति नहीं की जा सकती है। अतः सरकार द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सेवाओं में शिथिलता प्रदान करने संबंधी आदेश बहाल कर, अत्यंत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जो भविष्य में शिक्षा विभाग के दृष्टिकोण से अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
राजकीय प्रधानाध्यापक शैक्षणिक परिषद के प्रदेश संयोजक मंडल के संयोजक राजेंद्र कुलाश्री, सुनील जोशी, राजेंद्र अग्रवाल, यशवंत बर्तवाल, जगदंबा गैरोला, अवनींद्र बड़थ्वाल, प्रदीप तिवारी, राजीव काला, जसपाल नेगी, महिपाल सिंह धपोला, यशवंत सिंह बिष्ट, डी एस बिष्ट, भुवन उप्रेती, महावीर सिंह रावत, देवेंद्र राणा, विनोद जोशी, उमेद बिष्ट, आमोद सक्सेना एवं समस्त जनपदीय संयोजक मंडलों द्वारा सरकार द्वारा पदोन्नति में शिथिलता प्रदान किए जाने पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की है। तथा प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। प्रधानाध्यापक परिषद द्वारा उक्त मांग के निस्तारण मे विभिन्न स्तर पर सहयोग के लिए अधिकारी कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी का आभार व्यक्त किया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।