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November 11, 2025

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, सीएम धामी ने किया शुभारंभ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया। बाल वाटिका के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया। बाल वाटिका के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस क्षेत्र के जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, उनकी मरम्मत की जायेगी। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित पुस्तक ‘मोदी @ 20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ सौंपी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बाल वाटिका के शुभारम्भ करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रान्तिकारी परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी। यह शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं, उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की होती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि विभाग द्वारा 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य किये जाएं, जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि 2025 में जब उतराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा, सभी विभाग अपनी कुछ विशेष उपलब्धियां धरातल पर दिखाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में आज से बालवाटिका का शुभारम्भ किया गया है। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी विकासखण्डों में भी आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्पराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर इसके तहत विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों में जो पढ़ाई नर्सरी में होती थी, अब वही पढ़ाई आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पास सिर्फ पढ़ाने का कार्य हो, इसके लिए शिक्षा विभाग में सभी अन्य व्यवस्थाएं ऑनलाईन की जा रही हैं। उत्तराखंड में एक साल के अन्दर विद्या समीक्षा केन्द्र बनाये जायेंगे। अगले साल से स्कूलों में अंक सुधार परीक्षा का आयोजन भी किया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महानिदेशक शिक्षा वंशीधर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा दीप्ति सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. आरके कुंवर, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, शिक्षा विभाग एवं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश मे पांच हजार आंगनवाड़ी केंद्रों में बालिक वाटिका कक्षा का उद्घाटन
आज प्रदेश भर में 5000 को-लोकेटेड आँगनवाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिका कक्षा का उद्घाटन स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, अध्यापकों, आँगनबाड़ी शिक्षिकाओं अभिभावकों, छात्र-छात्राओं एवं विद्यालय हित धारकों की गरिमा मय उपस्थिति में किया गया। इसी क्रम में रुद्रप्रयाग जिले में राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली में को-लोकेटेड आँगनबाड़ी केन्द्र में बाल वाटिका कक्षा का उद्घाटन सामाजिक कार्यकर्ता, पूर्व ग्राम प्रधान एवं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ओमप्रकाश बहुगुणा और सामाजिक कार्यकर्ता गुणानन्द चमोली की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

सूचना तकनीक से किसानों को मिलेगा फायदा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सूचना तकनीक के माध्यम से किसानों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है। किसान के मोबाइल में उसके खेत और फसल से संबंधित हर जानकारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पतंजलि द्वारा विकसित हरित क्रांति एप को पायलट आधार पर उपयोग किये जाने के निर्देश दिये। सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने सचिव कृषि की अध्यक्षता में समिति बनाने के निर्देश दिये। यह समिति इस बात की सम्भावना देखेगी कि पतंजलि द्वारा विशेष तौर पर भू अभिलेखों व खेती से संबंधित जानकारियों के डिजिटलीकरण के लिए किये गये कार्य उत्तराखंड के विभिन्न विभागों के लिए किस प्रकार उपयोगी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को सरकारी योजनाओं से तभी फायदा पहुंचाया जा सकता है जब सारी जरूरी प्रक्रियाएं सरल हों, गैर जरूरी औपचारिकताएं न हों। लोगों की संतुष्टि जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार और संस्थानों के परस्पर सहयोग से प्रदेश को आगे बढ़ाया जा सकता है। पतंजलि के शोध कार्यों से उत्तराखंड को लाभ मिले, इसके लिए राज्य सरकार व पतंजलि परस्पर सहयोग से काम करेंगे। हमें डाटा शेयरिंग की सम्भावना भी देखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि के हरित क्रांति एप को पायलट आधार पर उपयोग किया जाएगा। किसानों के लिए फायदेमंद होने पर इसे बड़े स्तर पर उपयोग किया जा सकता है। पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने प्रस्तुतिकरण देते हुए पतंजलि द्वारा किये गये शोध कार्यों व खेती संबंधी जानकारी के डिजिटलीकरण के लिए विकसित किये गये एप हरित क्रांति एप की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम से मिले बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष
श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनके कुशल नेतृत्व में संचालित हो रही सफल चारधाम यात्रा के लिए बधाई दी। साथ ही मुख्यमंत्री को “बदरी-केदार” का मोमेंटो भी भेंट किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार यात्री सुविधाओं के निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश में आने वाले प्रत्येक पर्यटक व तीर्थाटक के प्रति “अतिथि देवो भव: “की भावना से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में इस वर्ष चारधाम यात्रा ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। मुख्यमंत्री द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं की लगाकर मॉनिटरिंग किए जाने से यात्रा से संबंधित विभिन्न विभागों व एजेंसियों में बेहत्तर समन्वय स्थापित रहा। इससे तात्कालिक रूप से पैदा होने वाली कठिनाइयों के निराकरण में आसानी हुई। फलस्वरूप सवा 26 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शनार्थ चारधाम पहुंच गये हैं।
मुख्यमंत्री ने धामों में श्रद्धालुओं को और अधिक सुगम व सरल तरीके से दर्शन और पूजा की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की भावनाओं के अनुरूप धामों में स्वच्छता आदि के लिए अलग से प्रयास किए जाने की जरुरत पर जोर दिया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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