Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 20, 2024

बतौर मुख्यमंत्री धामी के तीन साल के शासनकाल में उत्तराखंड और उत्तराखंडियत को हुआ नुकसानः गरिमा दसौनी

1 min read

भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रदेश भर में पुष्कर सिंह धामी के बतौर मुख्यमंत्री तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मनाए जा रहे जश्न पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। दसौनी ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही उत्तराखंड को बहुत नुकसान हुआ है। एकतरफ जहां मूल निवास और भू कानून पर सरकार का कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं आया, वहीं दूसरी ओर गैरसैण को भी भुला दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गरिमा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड जहां एक गुलदस्ते की तरह सौहार्दपूर्ण माहौल था। उस भाईचारे को कभी धर्मांतरण, कभी लैंड जिहाद, तो कभी यूसीसी के नाम पर चोट पहुंचाई गई। मुख्यमंत्री धामी प्रशासनिक तौर पर एक बहुत ही कमजोर मुख्यमंत्री साबित हुए। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार अपने चरम पर रहा। प्रदेश में लोकायुक्त का गठन तक नहीं हो पाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालो में भाजपाइयों की संलिप्तता की वजह से मुख्यमंत्री की पूरे देश भर में किरकिरी हुई। भारतीय जनता पार्टी जो स्वयं को बहुत ही संस्कारी और राजनीतिक सुचिता वाली पार्टी बताती है, वह एक ओर बिजनौर से आयात किए हुए व्यक्ति को मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बना देती है। वहीं हरियाणा के व्यक्ति को मंगलोर से विधानसभा प्रत्याशी भाजपा द्वारा बना दिया जा रहा है। इससे इनकी कथनी और करनी में फर्क नजर आता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दसौनी ने कहा कि यह सारे निर्णय पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लिए जा रहे है। यदि सदन में बाहरी लोग पहुंचेंगे तो फिर पहाड़ों के लिए नीतियां कौन और क्यों बनाएगा। एक तरफ जहां इन्वेस्टर समिट को पुष्कर सिंह धामी की उपलब्धि बताई जा रही है, तो सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि कि इसके आयोजन में प्रदेश का कितना पैसा खर्च हुआ और कितना निवेश 2 साल बाद आ चुका है? कौन से विभाग मे कितने उद्योग लगे और कितने उत्तराखंडी युवाओं का रोजगार का जुगाड़ हुआ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गरिमा दसौनी ने कहा सीएम हेल्पलाइन को भी मुख्यमंत्री की उपलब्धि में गिना जा रहा है, जबकि 2 दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने जो समीक्षा बैठक ली, उसमें यह सच सबके सामने आ चुका है कि अधिकारियों ने तीन-तीन महीने से अपनी सीएम हेल्पलाइन की साइट तक नहीं खोली थी। यह पुष्कर सिंह धामी का फेलियर ही कहा जा सकता है कि आज प्रदेश में जगह-जगह नाबालिग बच्चियों के साथ न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है, बल्कि उनकी हत्या तक कर दी जा रही है। भ्रष्टाचारियों अपराधियों और बलात्कारी की नजर में सरकार और प्रशासन का कोई डर और वह दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि खनन माफिया, भू माफिया, लकड़ी माफिया और शराब माफिया पूरी तरह से सरकार पर हावी दिखाई दे रहे हैं। कानून व्यवस्था का पटरी से उतरना, स्वास्थ्य, शिक्षा सेवाओं का लाचार होना, इन सब बातों का सेहरा भी तो मुख्यमंत्री के ही सर पर चढ़ेगा। सबसे विचित्र बात धामी कार्यकाल की यह रही कि मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल के सदस्यों के बीच में समन्वय की भारी कमी देखने को मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि एकला चलो की रणनीति पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चल रहे हैं। ना अंकिता भंडारी को न्याय मिला, ना केदारनाथ में हुई 200 किलो सोना चोरी की जांच हुई, भर्ती घोटालों पर रोक नहीं लगी, किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिला, युवाओं को लाठियां से पीटा गया, गरीबों के घर बुलडोजर से तोड़ दिए गए साथ ही धामी राज में तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया गया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है की मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी पूरी तरह से असफल मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। वह ना अधिकारियों पर लगाम लगा पाए और ना ही अपने मंत्रियों विधायकों पर।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *