यूसर्क का चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव, शिक्षकों को किया सम्मानित
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की ओर से आज 28 सितंबर को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन देहरादून स्थित आईआरडीटी सभागार में किया गया। इस मौके पर शिक्षकों को तीन श्रेणियों में चतुर्थ विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया। ये सम्मान कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल के हाथों दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यूसर्क से सम्मान पाने वाले शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की ओर से किए जा रहे नवाचारी शिक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से प्रदेश को अग्रणी बनाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। उन्होंने यूसर्क के विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों से उत्तराखण्ड देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क की ओर से उत्तराखंड राज्य के प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, तथा कौशल व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के चयनित नौ शिक्षकों को चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2024-25 से सम्मानित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रो. अनीता रावत ने कहा कि शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचार धारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि एवं विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक उत्तराखंड झरना कमठान (आईएएस) ने कहा कि शिक्षक शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हमको अपने प्रयासों से राज्य के अन्तिम छोर तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है तथा राज्य को आगे ले जाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शिक्षाविद् डॉ. शालिनी जोशी ने कहा कि हमको तकनीकी के सकारात्मक प्रयोग की तरफ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है। तकनीकी सत्र में शिवालिक कॉलेज देहरादून की शिक्षाविद् नविता सिन्हा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के विद्यार्थियों के लिये आधुनिक शिक्षा के साथ ही परम्परागत शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम में अतिथियों ने यूसर्क की ओर से प्रकाशित पुस्तक एलीमेन्ट्री स्पेक्ट्रोस्कोपिक टैक्निक्स का विमोचन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिक्षकों को तीन श्रेणियों में किया गया सम्मानित
नवाचार
1- डा. श्वेता मजगॉई सहायक अध्यापिका रा.उ.प्रा.वि.विजयपुर ब्लॉक- कोटाबाग, नैनीताल।
प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा
1- रश्मि उनियाल सहायक अध्यापिका, रा.उ.मा.वि. ग्रास्टनगंज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल।
2-राजमोहन सिंह रावत, स.अ. रा.उ.मा.वि. पिपाया, कालसी, देहरादून।
3-गम्भीर पाल सिंह, स.अ. राइंका रौंतल, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी।
4-राजेन्द्र कुमार गढ़कोटी, प्रवक्ता, राइका बापरू, चंपावत।
पर्यावरण संरक्षण
1-सतेन्द्र सिंह भंडारी स.अ. राप्रावि कोटतल्ला, रुद्रप्रयाग।
2-दिनेश चन्द्र कुकरेती, स.अ. पीएम श्री राइका, द्वारी (पैना), रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल।
3-रमेश चन्द्र सिंह, प्रवक्ता, राइका ढिकुली, नैनीताल।
4-मोहन चन्द्र, प्रधानाध्यापक, राप्रावि डुमलोट, कौसानी, बागेश्वर। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. मन्जू सुन्दरियाल ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जेएमएस राणा, प्रो गुलशन कुमार ढ़िगरा, आरजे काव्या, डा भवतोष शर्मा, डा राजेन्द्र राणा, ई उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न 12 शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 350 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।