यूसर्क का स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों और सामग्री संरचनाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण शुरू
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र की निदेशक प्रो. रावत ने कहा कि प्रदेश के भीतर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित अनेक संस्थान एवं विश्वविद्यालय हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण एवं उन उपकरणों के द्वारा वैज्ञानिक शोध में मूर्धन्य वैज्ञानिक उपलब्ध हैं। इस प्रकार की हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के माध्यम से यूसर्क का प्रयास है कि विज्ञान के क्षेत्र के इन संस्थानों की विशिष्ट वैज्ञानिकों एवं विशिष्ट उपकरणों का लाभ प्रदेश के शोधार्थियों, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को प्राप्त हो। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जहां एक ओर शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों में कौशल विकसित होगा। वहीं उनमें नवाचार का संचार होगा एवं उद्यमिता विकास हेतु बेहतर Environment उत्पन्न होगा। इस प्रकार विज्ञान के माध्यम से तैयार उत्कृष्ट मानव संसाधन का प्रदेश के समन्वित, समग्र एवं सतत् विकास में योगदान सुनिश्चित किया जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का संचालन करते हुये कार्यक्रम समन्वयक व यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने इस एक सप्ताह के सर्टिफिकेट कोर्स के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों का रिसर्च में महत्व तथा इनके अनुप्रयोग पर विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसंधान के कार्यों में यह विधियां अत्यधिक उपयोगी साबित हुई है। डा. नौटियाल ने यूसर्क द्वारा प्रदेश के छात्र-छात्राओं के लिये चलाये जा रहे विभिन्न विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान सम्बन्धी कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में डॉल्फिन इन्सटीट्यूट, देहरादून की रसायन विज्ञान विभाग की प्रो. वर्षा पारचा ने उपस्थित प्रतिभागियों को ‘स्पेक्ट्रल टेकनिक्सः एन ओवरव्यू’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में विभिन्न प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों के प्रकार, उनके सिद्धान्त और शोध, अनुसंधान एवं विकास संबंधी कार्यों में उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में उपस्थित यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा की ओर से समस्त प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापन किया। डा. मन्जू सुन्दरियाल, डा. राजेन्द्र सिंह राणा, ई. उमेश चन्द्र, ई. ओम जोशी, ई. राजदीप जंग ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न 20 शिक्षण संस्थाओं के 30 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।