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March 12, 2025

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया लोकतंत्र की पहचान, बाजार में निजी निवेश का स्वागत

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस मुद्दे पर एक बयान दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी फलते-फूलते लोकतंत्र की पहचान है।

किसान आंदोलन को लेकर जहां दुनिया भर के लोगों की निगाह भारत पर लगी है, अंतरराष्ट्रीय समुदायक से लगातार टिप्पणियां आ रही हैं। इस बीच यूएस ने सधी हुई टिप्पणी की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस मुद्दे पर एक बयान दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी फलते-फूलते लोकतंत्र की पहचान है। साथ ही यह भी कहा कि मंत्रालय ऐसे कदमों का स्वागत करता है, जिससे किसानों के लिए भारत के बाजारों की कुशलता बढ़े और निजी क्षेत्रों की ओर से निवेश आए।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में संकेत दिया गया कि बाइडेन प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए भारत सरकार के कदमों के समर्थन में है। मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा-सामान्य तौर पर हम ऐसे कदमों का स्वागत करते हैं, जिससे भारत के बाजारों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ेगा।
भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों के बीच बातचीत से समाधान निकाले जाने को बढ़ावा देता है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी लोकतंत्र की पहचान है और ध्यान दीजिए कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।
इस बीच, कई अमेरिकी सांसद किसान आंदोलन के समर्थन में आए हैं। सांसद हेली स्टीवन्स ने कहा कि-भारत में कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की खबरों से चिंतित हूं। एक बयान जारी कर उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से किसानों के साथ बातचीत कर मामला सुलझाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि हालात पर नजर रख रही है।
एक अन्य सांसद इलहान ओमर ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा-भारत को अपने मूलभूत लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी। सूचना की बेरोक-टोक आवाजाही की अनुमति दी जाए। इंटरनेट एक्सेस को फिर से शुरू किया जाए और इस आंदोलन को कवर करने के लिए हिरासत में लिए गए सभी पत्रकारों को रिहा किया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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