Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 14, 2024

शहरी विकास मंत्री डॉ. अग्रवाल ने सीएम धामी के साथ केंद्रीय मंत्री खट्टर से की मुलाकात, परियोजनाओं की मांगी स्वीकृति

उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय ऊर्जा व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर जी से मुलाकात की। इस दौरान राज्य हित में विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति व अनुमोदन के लिए मांग पत्र भी सौंपा। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी साथ थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून में हुई मुलाकात के दौरान डॉ अग्रवाल ने मांग पत्र के जरिये स्वच्छ भारत मिशन के लगभग 264 करोड़ की लागत के अंतर्गत शीशमबाडा, देहरादून में अवस्थित लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए 50.00 करोड़ रुपये की धनराशि, नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश तथा काशीपुर में अवस्थित सीएण्डडी वेस्ट के निस्तारण के लिए 21.00 करोड़ की धनराशि, नव गठित 13 नगर निकायों की प्रस्तावित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के लिए 193.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने मांग पत्र के जरिये कहा कि अमृत योजना लगभग 490.42 करोड़ के अंतर्गत राज्य के 7 नगर निकाय जो अन्य योजना से आच्छादित नही हो पा रही है। उन्होंने जल आपूर्ति से पूर्ण आच्छादित करने के लिए 490.42 करोड़ रुपये के अतिरिक्त धनराशि निर्गत किये जाने का अनुरोध है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि पूर्व निर्गत 46.35 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। उन्होंने द्वितीय किस्त 92.70 करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत किये जाने का अनुरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य की 16 नगर निकायों में जलापूर्ति की परियोजनाओं को पूर्व में अन्य योजना से आच्छादित किया जाना प्रस्तावित था, परन्तु कतिपय कारणों से आच्छादित नही किया जा सका। उन्होंने वर्तमान में उक्त 16 नगर निकायों की परियोजनओं के लिए ईएपी/एडीबी के अंतर्गत 1089.00 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने बताया कि लगभग 480 करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मलिन बस्ती पुर्नविकास (ISSR) घटक में पीपीपी भागीदारों के लिए परियोजना को लागू करने के लिए मलिन बस्तियों की भूमि वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं हो पा रही है। अतः प्रति आवास निर्माण के लिए 4.00 लाख रुपये बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने बताया कि लाभार्थी आधारित निर्माण घटक में पहाड़ी क्षेत्रों में आवास निर्माण में लाभार्थी अंश (4.00-5.50 लाख रुपये) आता है। कम आय वाले लाभार्थियों ( 3 लाख) के लिए आवास निर्माण कठिन हो रहा है, जो परियोजना छोड़ने का कारण बन रहा है। उन्होंने भारत सरकार का अंश 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4. 00 लाख किये जाने का अनुरोध है। इससे लाभार्थियों का बोझ कम हो सकता है और परियोजनाओं में तेजी आ सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड की 03 नगर निकायों (गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ) जो 04 धाम के मुख्य धाम है को 15 वें वित्त आयोग द्वारा अनुदान से आच्छादित नहीं किया गया है। इस कारण उक्त तीन निकायों के प्रशासन एवं संचालन में कठिनाई आ रही है। उन्होंने निकायों के कार्यालय भवन, कर्मचारियों के आवास एवं मूलभूत सुविधाओं के निर्माण विकास तथा रखरखाव के लिए 50.00 करोड़ रुपये की धनराशि प्रति निकाय को निर्गत किये जाने का अनुरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा नगर निकायों के अनुदान की गणना वास्तविक जनसंख्या के आधार पर की जाती है जबकि राज्य में चलायमान जनसंख्या (Floating Population) अत्याधिक होने के कारण नगर निकायों को बुनियादी सुविधाओं को देने में कठिनाई होती है। उन्होंने आगामी केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा अनुदान की गणना में चलायमान जनसंख्या पर विचार करते हुए अनुदान की गणना किये जाने का विशेष अनुरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्य की कतिपय पर्वतीय निकायों द्वारा 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरुप सम्पति कर संग्रहण में बढ़ोतरी न होने के कारण आयोग द्वारा वर्ष 2024-25 से अनुदान धनराशि को रोक दिया गया है। उक्त निकायों की जनसँख्या एवं निवासरत परिवार की संख्या कम होने के कारण सम्पति कर के संग्रहण में बढ़ोतरी करने में निकाय सक्षम नहीं है। ऐसे में उन्होंने इन पर्वतीय छोटी निकायों के मूल भूत सुविधाओं के विकास के लिए अनुदान राशि निर्गत किये जाने का अनुरोध किया है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page