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November 21, 2024

उपनल कर्मियों ने किया सचिवालय कूच, रोकने पर पुलिस से धक्कामुक्की, कांग्रेस नेता धस्माना ने दिया साथ, सीएस से कराई वार्ता

उत्तराखंड में नियमितिकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग को लेकर प्रदेशभर से आए उपनकलकर्मियों ने आज देहरादून के परेड मैदान से सचिवालय कूच किया। सुभाष रोड पर इन कर्मियों को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान बैरिकेडिंग पर इनकी पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। इन कर्मियों के प्रदर्शन को उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी समर्थन दिया और वह भी सचिवालय कूच में शामिल हुए। पुलिस के रोकने पर प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से कर्मचारी नेताओं की वार्ता कराने में अहम भूमिका निभाई। शासन की ओर से वार्ता का लिखित निमंत्रण भी मिला। आचार संहिता के कारण अब दूसरे दौर की वार्ता 25 नवंबर को होगी। वहीं, उपनल कर्मचारियों ने अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इनके साथ ही राज्य निगम कर्मचारी महासंघ और हाईड्रो इलेक्टि्रक इंपलाइज यूनियन ने भी कर्मचारियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल के मुताबिक हाईकोर्ट ने 2018 में उपनल कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देने और नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने का फैसला सुनाया था, लेकिन राज्य सरकार ने इस फैसले पर अमल न कर इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सुप्रीम कोर्ट सरकार की एसएलपी खारिज कर चुका है। इसके बाद भी सरकार की ओर से हाईकोर्ट के 2018 के फैसले पर अमल नहीं किया गया। सरकार फिर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। इससे प्रदेश भर के उपनल कर्मचारियों में नाराजगी है। उधर भगवानपुर की विधायक ममता राकेश ने भी उपनल कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है।

कांग्रेस नेता धस्माना ने मुख्य सचिव से कराई वार्ता
सचिवालय के सम्मुख आयोजित सभा में कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल के 2019 के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय गई, किंतु छह साल बाद अब जब सरकार की याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी तब सरकार को इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए। इस आग्रह को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री से मिल कर आग्रह कर चुके हैं कि राज्य में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के समायोजन के लिए सरकार एक दीर्घकालीन नीति बना कर चरणबद्ध तरीका से उनके समायोजन का मार्ग प्रशस्त करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि कल रात्रि भी मुख्यमंत्री के उत्तराखंड से बाहर होने पर उन्होंने उनसे फोन पर वार्ता कर कर्मचारियों की वार्ता मुख्य सचिव से करवा कर रास्ता निकालने का काम किया जाय। धस्माना ने कहा कि सरकार को अब जिद्द नहीं करनी चाहिए और उपनल कर्मचारी जो शत प्रतिशत उत्तराखंड मूल के हैं, इनके समायोजन का रास्ता बनाना चाहिए। धस्माना ने कहा कि अगर सरकार कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय नहीं करेगी तो कांग्रेस उनकी लड़ाई में पूरा साथ देगी। कर्मचारियों की सभा के दौरान ही कर्मचारी नेताओं को मुख्य सचिव की ओर से वार्ता का निमंत्रण आया और कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में मुख सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों से वार्ता की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान सभी कानूनी पहलुओं पर चर्चा हुई, किंतु केदारनाथ उप चुनाव की वजह से लगी आचार संहिता के चलते कोई ठोस घोषणा या निर्णय नहीं हो पाया। इसलिए अगले चरण में वार्ता की सहमति बनी। इसके संबंध में मुख्य सचिव की ओर से आगामी 25 नवंबर को वार्ता का न्योता देर शाम लिखित रूप में कर्मचारियों को सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से दिया गया। ये न्योता एकता विहार सहस्त्रधारा रोड स्थित धरनास्थल पर एकत्र कर्मचारियों को सौंपा गया। इससे बाद कर्मचारियों ने 25 नवंबर तक अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया।
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