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November 11, 2024

संयुक्त ट्रेड यूनियन ने दून में दिया धरना, आंगनवाड़ी, भोजन माताओं, आशा वर्कर्स के साथ ही राज्य कर्मियों की भी उठाई मांग, कृषि कानूनों का विरोध

लखीमपुर खीरी की घटना और तीन कृषि कानूनों के साथ ही अन्य मांगों को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने गुरुवार सात अक्टूबर को देहरादून में राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क पर धरना दिया।

लखीमपुर खीरी की घटना और तीन कृषि कानूनों के साथ ही अन्य मांगों को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने गुरुवार सात अक्टूबर को देहरादून में राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क पर धरना दिया। इस धरने में सीटू, इंटक, ऐटक, एक्टू से संबद्ध यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग भी की गई। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही केंद्र सरकार को भी ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस अवसर पर आयोजित सभा को पूर्व केबिनेट मंत्री व इंटक के प्रान्तीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, ऐटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा, समर भंडारी, इंटक युवा के अध्यक्ष गगन ककड़, सीटू जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, अनंत आकाश, रविन्द्र नौडियाल, राम सिंह भंडारी, ओपी सुदी, अनिल कुमार, बैंक कर्मचारी यूनियन से एसएस रजवार, राम बसंत गुप्ता, विशेष कुमार, अनिल उनियाल, लक्ष्मी नारायण भट्ट, कीर्ति उनियाल ने संबोधित किया।
ये हैं मांगे
1-लखीमपुर खीरी में किसानो के हत्यारों की गिरफ्तारी। केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री अजय मिश्रा व उसके पुत्र सतीश मिश्रा गिरफ्तार किया जाए और मंत्री को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
2- तीनो कृषि कानून वापस लिए जाए। MSP पर कानून बनाया जाए। इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 वापस लिया जाए। श्रमिकों
को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाले श्रम कानूनों में किए गए भारी बदलाव को तत्काल वापस लिया जाए। श्रम कानूनों
का सभी सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में कड़ाई से पालन किया जाए।
3-उत्तराखंड में भवन एवं संनिर्माण कर्मकार बोर्ड में ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए, तथा बोर्ड में हुए लगभग 400 करोड रुपए के घोटाले के साथ ही ईएसआई के हजारों करोड़ रुपए की धांधली की जांच भी सीबीआई से करवाई जाये।
4-पूर्व में कर्मचारियों को दी गयी ACP कि राशी को अधिक बताकर उसके वसूली के आदेश पर तत्काल रोक लगायी
जाये।
5-उत्तराखंड में वापस आए प्रवासी मजदूरों के रोजगार की उचित व्यवस्था की जाए एवं उन्हें तत्काल प्रभाव से
उचित आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए।
6-सभी राज्य व निगमों के कर्मचारियों की बंद की गई पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
7-वर्तमान भाजपा सरकार सिडकुल नीति पर अध्ययन करके बेरोजगारी दूर करने पर निर्णय ले और बेरोजगार युवाओं को
रोजगार देने का कार्य करें।
8-उत्तराखंड राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े लगभग 50000 पदों पर नियमित नियुक्तियां की जाए।
9-आंगनवाड़ी, भोजन माताओं और आशा वर्करों का राज्य सरकार कर्मचारियों के समान मानदेय घोषित किया जाए।
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कि आशा वर्कर्स व आंगनवाडी कार्यकत्री सेविकाओ को दस हजार रु प्रोत्साहन राशी देने की
घोषणा कि गयी थी, उस पर तत्काल अमल किया जाए।
10-आंगनवाडी कि काटे गये मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाये तथा सर्विस ब्रेक के आदेश वापस लिए जाए।
11-लंबे समय से सेवारत उपनल कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
12-उत्तराखंड राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी वर्गों के कर्मचारियों को समान कार्य के बदले समान वेतन नीति का
पालन सुनिश्चित किया जाए।
13-उत्तराखंड परिवहन विभाग को आर्थिक पैकेज दिया जाये व परिवहन निगम का अलग से मुख्यालय बनाया जाये।
अतः मांगों पर विचार कर पूरा करने का कष्ट करें।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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