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July 10, 2025

बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के खिलाफ सयुंक्त विपक्षी दलों ने किया प्रदर्शन, सीएम को भेजा ज्ञापन, प्रदेशभर में उग्र प्रदर्शन

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गुरुवार को बेरोजगारों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में आज सयुंक्त विपक्ष एवं जनसंगठनों की ओर से देहरादून के जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने तत्काल दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। विपक्षी दलों में सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई (माले), यूकेडी, सपा, जनता दल (एस), पीपुल्स फोरम, सीटू, एटक, किसान सभा, उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद, जनवादी महिला समिति, कर्मचारी संघ आदि संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे। इस दौरान प्रशासन की ओर से अपर सिटी मजिस्ट्रेट ने ज्ञापन लिया। वहीं, लाठीचार्च के विरोध में प्रदेशभर में प्रदर्शनों की खबर आ रही है। देहरादून में कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक स्थल पर हजारों की भीड़ जमा है और प्रदर्शन कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में लाठीचार्ज के दोषी एसएसपी देहरादून को तत्काल प्रभाव से हटाने, बेरोजगारों पर लगे झूठे मुकदमे वापस लेने, बेरोजगारों की सभी न्यायोचित मांगों को पूरा करने, यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोरिया को तत्काल प्रभाव से हटाने आदि मांगें प्रमुख थी। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा है कि पुलिस ने आठ फरवरी रात सरकार एवं एस एसपी के आदेश पर बेरोजगारों को जबरन उठाया। वहीं, अगले दिन प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज किया गया। इसकी कड़े शब्दों में निन्दा की जाती है। वक्ताओं ने एक स्वर से बेरोजगारों की न्यायोचित मांगों को पूरा करने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

प्रदर्शनकारियों में सीपीएम के राजेंद्र सिंह नेगी, राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश, सीपीआई के अशोक शर्मा, एस एस रजवार, हरिओम, सपा के नौशाद ,जनता दल एस हरिजन्दर सिंह, उत्तराखंड आन्दोलन परिषद के नवनीत गुसांई, किसान सभा के सुरेंद्र सिंह सजवाण, सीटू सचिव लेखराज, कमरूद्दीन, सुधा देवली, महिला समिति से इन्दु नौडियाल, पीपुल्स फोरम के जयकृत कण्डवाल, सीटू के किशन गुनियाल, भगवन्त पयाल, रविन्द्र नौडियाल, कर्मचारी नेता एसएस नेगी, एसएफआई के नितिन मलेठा आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

प्रदेशभर में प्रदर्शन, दून में शहीद स्थल पर हजारों युवा जुटे
देहरादून में हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज प्रदेशभर से बेरोजगार युवाओं के आक्रोश की तस्वीरें सामने आ रही है। हल्द्वानी में सुबह युवाओं ने सबसे पहले गीता पाठ से आंदोलन की शुरुआत की तो वहीं राजधानी देहरादून में युवाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में हल्ला बोला। शहीद स्थल पर हजारों युवा जमा हैं। युवाओं के आक्रोश को देखते हुए जिलाधिकारी वार्ता के लिए पहुंची। काफी देर तक युवाओं को समझाने की कोशिश करती रहीं डीएम सोनिका को सफलता नहीं मिली। वहीं देहरादून का पल्टन बाजार भी सुबह बंद था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बेरोजगार युवाओं ने यहीं कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उधर, उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों ने बाजार बंद कराया। हंगामे के आसार को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड है। जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बेरोजगार युवाओं के संभावित आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने परेड ग्राउंड की 300 मीटर की परिधि में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगा दी है। यह आज शुक्रवार शाम तक जारी रहेगी। इस परिधि में पांच या उससे अधिक लोगों के जमाव पर रोक रहेगी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उत्तराखंड बंद का असर कुछ ही जगहों पर देखना को मिला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने गुरुवार नौ फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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