ऐसा क्या हुआ कि केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों का गंगोत्री में आम श्रद्धालुओं की तरह हुआ स्वागत
केंद्रीय राज्य मंत्री (पोत परिवहन, रसायन और उर्वरक मंत्रालय) मनसुख एल मांडविया और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक उत्तराखंड के गंगोत्री धाम पहुंचे। इन दोनों मंत्रियों का तीर्थ पुरोहितों ने आम श्रद्धालुओं की तरह स्वागत किया। इसकी वजह भी उन्होंने दोनों मंत्रियों को बता दी।
केंद्र और राज्य सरकार के दोनो मंत्री गंगोत्री धाम में वीआइपी घाट पहुंचे। यहां पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने मंदिर में मां गंगा के दर्शन किए। तीर्थ पुरोहितों ने उसने कहा कि वे आपका आम श्रद्धालुओं की भांति ही स्वागत कर रहे हैं। क्योंकि उनकी जो मांग थी उसका अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकाला गया।
तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें बताया कि देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन किया। शासन प्रशासन के आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड में तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक पर प्रभाव पड़ रहा है। अभी तक इसे लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी।
गंगोत्री धाम में पांच मंदिर समिति, तीर्थ पुरोहितों व व्यापारीयो ने एक और जहां मंत्रियों का आमतीर्थ यात्री और श्रद्धालुओं की तरह स्वागत किया। वही वार्ता करते हुए देवस्थानम बोर्ड और गंगोत्री आए मंत्रियों का भी जमकर विरोध किया। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार विकास के नाम पर शून्य है। अब इनकी गिद्ध दृष्टि मंदिरों के दान पेटीयों पर है। इसका जवाब बीजेपी पार्टी को विधानसभा 2022 के चुनाव में मिलेगा।
इस पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने तीर्थ पुरोहितों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर सरकार गंभीर है। उनकी भावनाओं से वह मुख्यमंत्री को अवगत कराकर उनका समाधान निकालेंगे। इसके लिए उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से कहा कि वे भी देहरादून आकर बातचीत के लिए आमंत्रित हैं। इस पर तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा कुछ शांत हुआ। तब वे इन मंत्रियों के स्वागत में जुटे।
गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।