दूरस्थ गांवों के भ्रमण पर निकली समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति, नागरिकों को सुन रही पक्ष
उत्तराखंड में राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई विशेषज्ञों समिति के सदस्य राज्य के दूरस्थ गांवों में भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान नागरिकों का पक्ष सुना जा रहा है। इसका उद्देश्य राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी देकर उनके सुझाव प्राप्त करना है। विशेषतौर से महिलाओं व युवाओं को इसके बारे में बताते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, सम्पत्ति का अधिकार, आदि पर सुझाव प्राप्त कर तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)समिति के सदस्यों ने चमोली जिला स्थित राज्य के सीमान्त गांव माणा से भ्रमण कार्य आरम्भ किया गया। आज माणा गॉंव में सदस्यों की ओर से बैठक आयोजित की गयी। समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी देने के उपरान्त उपस्थित महिलाओं, पुरूषों व युवाओं की ओर से उन्हें अपने क्षेत्र से सम्बन्धित रीति-रिवाजों के विषय में जानकारी दी गयी। बताया गया कि ग्रामीणों ने विभिन्न मुद्दों पर सुझाव भी दिए। इस कार्यक्रम में महिलाएं पारम्परिक वेशभूषा में थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जोशीमठ के नगर पालिका भवन में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने बैठक आयोजित कर उपस्थित जनों के सुझाव मांगे हैं। इस बैठक में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, प्रबुद्धजनों द्वारा उपस्थित हो कर अपने अमूल्य सुझाव प्रेषित किये गये। क्षेत्रीय भ्रमण में सदस्यों में शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ व डॉ सुरेखा डंगवाल द्वारा प्रतिभाग किया गया। सदस्यों ने अवगत कराया गया कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्र में उत्तरकाशी जिले के हनोल, पुरोला आदि में क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके बाद दिनांक 15 अक्टूबर से कुमाऊं मंडल के जनपदों के लिए भी प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया जा चुका है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




