महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे ने दिया इस्तीफा, सुप्रीम कोर्ट ने किया था रोक से इनकार

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने सीएम पद के साथ ही विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। इससे पहले शक्ति परीक्षण को लेकर बुधवार को सु्प्रीम कोर्ट में करीब साढ़े तीन घंटे तक मैराथन बहस हुई। बागी एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की ओर से दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि फ्लोर टेस्ट गुरुवार को ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया और शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही फ्लोर टेस्ट को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। मुंबई में कल बहुमत परीक्षण को लेकर धारा 144 भी लगा दी है। साथ ही सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम इस अर्जी पर भी सुनवाई करेंगे। हम फ्लोर टेस्ट रोकने की अर्जी पर नोटिस जारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कल का परिणाम इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे फेसबुक पर लाइव हुए। इस दौरान उन्होंने सीएम पद से साथ विधान परिषद से भी इस्तीफा देने की घोषणा की। अब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में बागी एकनाथ शिंदे गुट पर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा, हमने जिन रिक्शा वाले, चाय वालों को नेता, विधायक बनाया, उन्होंने ही हमें धोखा दिया। हमने उन्हें बातचीत का न्योता दिया, लेकिन वो वापस नहीं लौटे। उन्होंने कहा, हमने किसानों की कर्जमुक्ति माफी के काम को पूरा किया. हमने उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है। हमने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने शरद पवार और सोनिया गांधी के नाम का उल्लेख किया।
उद्धव ने कहा, मैं दिल से बात कर रहा हूं. चाय वाले, फेरी वाले और रेहड़ी वालों को भी शिवसेना ने अपने साथ जोड़ा और आगे बढ़ाया। अब वो बड़े होकर वो उन्हीं को भूल गए, जिन्होंने उन्हें बड़ा किया। सत्ता आने के बाद वो सारी बातें भूल गए। जब से मैं मातोश्री आया है, तब से लगातार लोग मेरे पास आ गए हैं। एक समय जो विरोध कर रहे थे, वो साथ है,जो साथ थे, वो विरोध में हैं।
उन्होंने कहा कि रिक्शावाले (एकनाथ शिंदे), पानवाले को शिवसेना ने मंत्री बनाया, यह लोग बड़े हुए और हमें ही भूल गए। मातोश्री में आने के बाद कई लोग आ रहे हैं और कह रहे है की आप लड़ो, हम आपके साथ हैं। जिन्हें दिया वो नाराज़ हैं, जिन्हें नहीं दिया वो साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा, हमने अच्छा काम किया, लेकिन लगता है कि हमें किसी की नजर लग गई है। मातोश्री में आने के बाद कई लोग आ रहे हैं और कह रहे है की आप लड़ो, हम आपके साथ हैं। जिन्हें दिया वो नाराज़ हैं, जिन्हें नहीं दिया वो साथ हैं। महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लोकतंत्र का हमें पालन करना चाहिए. सूरत जाने के बजाय उन्हें यहां आना चाहिए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख को फ्लोर टेस्ट में वोट करने की इजाजत दे दी है। सीबीआई और ईडी अपनी कस्टडी में दोनों को विधानसभा लाएंगी। कार्रवाई खत्म होने के बाद जेल भेजे जाएंगे। इससे पहले, ठाकरे कैंप ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर लंबी सुनवाई हुई। उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल द्वारा बेहद तेज गति से लिए गए फैसले पर औचित्य उठाया। उन्होंने कहा कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसले पर रोक के बीच शक्ति परीक्षण कराना सही नहीं है।
उन्होंने राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा, जो ये सोच रहे हैं कि राज्यपाल पवित्र गाय हैं और स्पीकर राजनीतिक हैं, वो गलतफहमी में हैं। वहीं एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने कहा, अयोग्यता के मसले को फ्लोर टेस्ट से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। राज्यपाल ऐसे निर्देश के लिए मुख्यमंत्री या कैबिनेट से सलाह मशविरा करने के लिए बाध्य नहीं है। शिंदे गुट ने ये भी कहा, पहले भी 24 घंटे के भीतर शक्ति परीक्षण का आदेश दिया गया है। विधायकों की खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए जल्द से जल्द निर्णय़ लिया जाना जरूरी है।
इससे पहले, गुरुवार को शक्ति परीक्षण की संभावना को देखते हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे गुट के विधायक गुवाहाटी में रैडीसन ब्लू होटल छोड़कर गोवा रवाना हो चुके हैं। गोवा से मुंबई में विधानसभा पहुंचने में उन्हें ज्यादा देर नहीं लगेगी। इस बीच, उद्धव ठाकरे सरकार ने फ्लोर टेस्ट के ठीक पहले बड़ा फैसला लिया है। 1989 बैच के IPS विवेक फलसनकर को मुंबई (Mumbai)का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया। वर्तमान पुलिस आयुक्त संजय पांडे कल रिटायर हो रहे हैं. फलनसकर कल चार्ज ले सकते हैं।
शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी छोड़ गोवा के लिए निकले, महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण के पहले बड़ा कदम उठाया है। इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक भी हुई। इसमें तीन शहरों और कुछ एयरपोर्ट के नाम बदलने का फैसला किया गया। कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम धाराशीव और नवी मुंबई का नाम दी बा पाटिल किया गया। फ्लोर टेस्ट और बागी विधायकों के मुंबई पहुंचने की संभावना से पहले मुंबई में धारा 144 लगा दी गई है। बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स और रिजर्व पुलिस बल तैनात किया गया है।