उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट और बीजेपी को दी खुली चुनौती, दम है तो लड़कर दिखाओ मध्यावधि चुनाव
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर शिवसेना को खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। वह जिला प्रमुखों के साथ बैठक में बीजेपी पर जमकर बरसे।
मुंबई में स्थित शिवसेना भवन में पार्टी की ओर से जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हिम्मत है तो मध्यावधि चुनाव लड़कर दिखाओ। ऐसे खेल खेलने के बजाय जनता के दरबार में जाओ, अगर हम गलत हैं तो लोग हमें घर में बिठा देंगे और अगर आप गलत हो तो लोग आपको घर पर बिठा देंगे। एकनाथ शिंदे और उनके गुट के शिवसेना विधायकों की बगावत के कारण इस्तीफा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा को मनमाने ढंग से चलाना संविधान का अपमान है।
उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर के संविधान को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, देश की आजादी के अमृत जयंती वर्ष में महाराष्ट्र में जो शुरू हुआ है, उसके बारे में सभी सच बोलें। विधानसभा का मनमाना आचरण संविधान का अपमान है। उन्होंने विशेषज्ञों से इस पर अपने विचार स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि क्या राज्य में संविधान के मानदंडों का पालन किया जाता है या नहीं? साथ ही उन्होंने जिलाध्यक्षों से कहा कि लड़ना हो तो मेरे साथ रहो।
बता दें कि शिवसेना के 39 से ज्यादा विधायक उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे के पाले में चले गए हैं। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ महराष्ट्र में सरकार बना ली है। पिछले महीने एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के खिलाफ बगावत शुरू की थी। पार्टी के अधिकांश विधायकों ने उनका साथ दिया। इसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई।
उद्धव ठाकरे के पद छोड़ने के एक दिन बाद एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी। इस बीच, उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा कि शिवसेना सिर्फ इसलिए खत्म नहीं हो सकती कि कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल दिसंबर में होने वाले गुजरात चुनावों के साथ महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव भी हो सकते हैं।
आदित्य ठाकरे को उनके दादा की वजह से ‘अयोग्यता के दायरे’ से रखा बाहर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का परीक्षण जीतने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों को सरकार का समर्थन करने के लिए व्हिप का उल्लंघन करने के लिए निलंबित करने के लिए एक याचिका दी।
हालांकि पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम इसमें नहीं दिया गया। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुट के नए मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा कि हमने आदित्य ठाकरे को छोड़कर हमारे व्हिप की अव्हेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का नोटिस दिया है। हमने बालासाहेब ठाकरे के प्रति सम्मान के कारण आदित्य ठाकरे का नाम नहीं दिया है।
पिछले हफ्ते अपने पिता की सरकार गिराने वाले एकनाथ शिंदे के खिलाफ वोट देकर आदित्य ठाकरे ने उस व्हिप का उल्लंघन किया। आदित्य ठाकरे को अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन टीम ठाकरे को उम्मीद है कि यह अगले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर होगा। सुप्रीम कोर्ट नए पार्टी व्हिप को मान्यता देने के नए अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाले टीम ठाकरे के मामले पर सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि अध्यक्ष व्हिप को मान्यता नहीं दे सकते हैं, जब अदालत को शिंदे और 15 अन्य विधायकों को टीम ठाकरे द्वारा अयोग्य घोषित करने पर फैसला करना है।
अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे को भी विधानसभा में दोबारा शिवसेना नेता के रूप से मान्यता दे दी। दो सप्ताह पहले जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी, तब उन्हें विधानसभा में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया गया था। अगर सुप्रीम कोर्ट शिंदे और अन्य विधायकों की अयोग्यता की पुष्टि करता है, तो यह नई सरकार की वैधता पर सवाल उठा सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।