जंगल में लकड़ियां बीनने गई दो सगी मासूम बहने तीन दिन से लापता, ना फोन ना सड़क किससे मांगे मदद
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के अंतर्गत गंगाड गांव की दो बच्ची चार नवंबर से लापता हैं। सीमांत क्षेत्र के इस दुर्गम गांव में ना तो सड़क है, ना ही टेलीफोन। इससे परिजन कहां शिकायत करें ये समस्या भी उनके सामने खड़ी हो गई। किसी तरह उन्होंने निकटवर्ती गांव के युवक से संपर्क कर अपनी व्यथा सुनाई। इस पर युवक की ओर से तहसीलदार के सज्ञान में यह मामला लाया।
बताया जा रहा है कि इन दिनों स्कूल तो बंद हैं। ऐसे में बच्चे गांव और घर के कामों में हाथ बंटा रहे हैं। गंगाड गांव में एक व्यक्ति की दो बेटी जिनमें एक 11 वर्ष और दूसरी 13 वर्ष ही है, चार नवंबर को गांव के निकट जंगल में गाय चरा रही थी। इस दौरान दोनों लकड़ियां बिनने जंगल की तरफ ओर आगे निकल गई।
जब शाम को दोनों बहने नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता सताने लगी। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों की मदद से आसपास जंगल में उनकी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद परिजनों ने कल और आज बच्चियों की तलाश की।
यह गांव सड़क से करीब 14 किलोमीटर दूर है। इस गांव के लिए सड़क तक नहीं है। ऐसे में लोगों को पैदल ही मोटर मार्ग तक जाना पड़ता है। गांव में न तो बिजली है और ना ही टेलीफोन सुविधा। ऐसे में बच्चियों के परिजनों ने किसी तरह निकटवर्ती गांव ढाटमिर गांव के युवक राजपाल सिंह रावत को घटना से अवगत कराया।
इस युवक ने पटवारी को फोन मिलाया तो उसका भी फोन नहीं मिल सका। इस पर तहसीदार को बच्चियों के गायब होने की सूचना से अवगत कराया गया है। राजपाल सिंह के मुताबिक ग्रामीण किसी आशंका से डरे हुए हैं। उन्होंने शासन और प्रशासन से बच्चियों को तलाशने की मांग की है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।