बाल कवयित्री दीपिका की दो कविताएं-हँसता गाता परिवार, सिपाही जैसा भाई कहां
हँसता गाता परिवार।
हँसता गाता परिवार हैं मेरा ,
प्यारा सा ये संसार है मेरा ।
मम्मी पापा हमसे अच्छे,
बचपन में हम अच्छे बच्चे।
मैडम जी है प्यारी प्यारी,
सब बच्चों की प्यारी न्यारी।
मैडम जी परिवार का हिस्सा,
समझाती हमको ज्ञान का किस्सा।
कविता-दो
सिपाही जैसा भाई कहां,
डॉक्टर जैसी बहन जहाँ।
चिड़िया गाती गीत मनोहर,
सुन्दर मीठी तान।
चाहे कहो तुम ऊल्टा इसको,
चाहे कहो तुम सुल्टा इसको।
दूर देश बॉग दे रहा है मुर्गा,
प्रेम से कहो जय मां नवदुर्गा।
कवयित्री का परिचय
कु. दीपिका
कक्षा -7
राजकीय पूर्व माध्यमिक, विद्यालय डोईवाला देहरादून।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।