अक्टूबर माह में लगेंगे दो ग्रहण, सूरज में दिखेगा रिंग ऑफ फायर, चंद्रमा दिखेगा संतरी, भारत से दिखेगा एक ग्रहण
हर साल कुल चार ग्रहण लगते हैं। इस साल 2023 में दो ग्रहण लग चुके हैं। इममें पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल के दिन और पहला चंद्र ग्रहण पांच मई की रात लगा था। अब अक्टूबर के महीने में 2 और ग्रहण लगने वाले हैं। इस खगोलीय घटना को बेहद खास संयोग भी बताया जा रहा है, जो कम ही देखने को मिलता है। अक्टूबर माह में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिंग ऑफ फायर
साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की बात करें तो सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। 14 अक्टूबर शनिवार के लगने वाला दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इसे रिंग ऑफ फायर (Ring of fire) भी कहा जा सकता है। सुरक्षा उपकरणों से देखने पर इसका नजारा बेहद खूबसूरत होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कई हिस्सों से देखा जा सकता है। इनमें नॉर्थवेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट्स, मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका और साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और आर्कटिक रीजन शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य वेस्टर्न कंटीज से सूर्य ग्रहण का कुछ हिस्सा नजर आ सकता है।अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए स्पेशल आई प्रोटेक्शन ग्लासेस वगैरह पहनने की सलाह दी है। बता दें कि भारत से इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण नहीं नजर आएगा। ऐसे में धार्मिक आधार पर भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण और आखिरी चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की रात लगने वाला है। इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया समेत संसार के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा के कुछ हिस्से पर ही ग्रहण लगता है। ऐसा तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह ग्रहण 29 अक्टूबर, शुक्रवार 1:06 एएम पर दिखेगा और 2:22 एएम पर समाप्त हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रमा का रंग संतरी जैसा दिखता है। साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है। इसीलिए धार्मिक आधार पर इसका सूतक काल मान्य होगा। नई दिल्ली में 29 अक्टूबर 01:44:05 एएम पर अधिकतम ग्रहण देखने को मिलेगा।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।