उत्तराखंड में उपनल कर्मियों का दो दिवसीय कार्यबहिष्कार शुरू, लड़खड़ाई अस्पतालों की व्यवस्था, आप ने दिया समर्थन

उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मी आज सोमवार से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार पर चले गए। इससे सरकारी अस्पतालों में भी व्यवस्था चरमरा गई। मरीजों को परेशानी हुई। सुबह काफी देर रजिस्ट्रेशन काउंटर ठप रहा। वहीं, कर्मियों ने दून अस्पताल के समक्ष धरना भी दिया।
समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ ने 22 और 23 फरवरी को प्रदेशभर में कार्यबहिष्कार का एलान किया है। उपनल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण मरीजों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दून अस्पताल में काफी देर तक रजिस्ट्रेशन काउंटर ठप रहा। फिर मरीजों की परेशानी को देखते हुए काउंटर पर स्थाई स्टाफ तैनात किया गया। मरीजों को हस्तलिखित पर्चे दिए गए।
अस्पताल में बिलिंग भी बंद है। साथ ही पैथोलाजी भी ठप है। इसके चलते मरीज जांच भी नहीं करा पा रहे हैं। यही हाल आयुष्मान काउंटर का है। यहां भी उपनल कर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन वह भी कार्य बहिष्कार पर हैं। ऐसे में अटल आयुष्मान के तहत मरीज भर्ती व डिस्चार्ज करने में दिक्कत आ रही है। यही नहीं उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण कोरोना जांच के लिए सैंपल भी नहीं लिए जा सके हैं।
इधर, कोरोनाकाल में दून मेडिकल कालेज अस्पताल में उपनल और पीआरडी के माध्यम से रखे गए नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ ने भी नौकरी से हटाए जाने के खिलाफ सोमवार से बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। ऐसे में व्यवस्थाएं बुरी तरह लडखडा गई हैं।
कोरोनाकाल में पीआरडी और उपनल के माध्यम से नर्सिंग, लैब तकनीशियन, वार्ड ब्वाय, चालक समेत अन्य कई पदों पर 250 से अधिक कर्मचारी रखे गए थे। अब 28 फरवरी एवं 31 मार्च को उनकी सेवा समाप्त हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना में जान जोखिम में डालकर घर-परिवार छोड़कर कार्य किया, लेकिन अब उन्हें निकाला जा रहा है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।