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July 30, 2025

ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहण, दो दिन में सिमटेगा मेला, पिछले साल भी पड़ा था कोरोना का असर

ऐतिहासिक श्री झंडे जी का आरोहण के साथ ही दो दिवसीय सूक्ष्म झंडा मेला शुरू हो गया। इस बार मेला दो दिन तक चलेगा।

ऐतिहासिक श्री झंडे जी का आरोहण के साथ ही दो दिवसीय सूक्ष्म झंडा मेला शुरू हो गया। दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर श्रीगुरुराम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज के सानिध्य में श्री झंडेजी का आरोहण किया गया। सुबह आठ बजे से श्रीझंडे जी को उतारा गया। इसके बाद सेवकों द्वारा दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल से श्रीझंडे जी को स्नान कराया।
10 बजे से श्रीझंडे जी (पवित्र ध्वज दंड) पर गिलाफ चढ़ाने का काम शुरू हुआ। दोपहर 12 बजे से डेढ़ बजे के बीच झंडे जी का विधिवत आरोहण शुरू हुआ। दो बजकर 10 मिनट पर श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत श्री देवेंद्र दास महाराज के सानिध्य में श्री झंडेजी का आरोहण हुआ। विभिन्न राज्यों के पहुंची संगत ने गुरु महाराज के जयकारे लगाए। इसके बाद संगत श्री महंत देवेंद्र दास महाराज का आशीर्वाद लेकर वापस लौटी।

देहरादून के ऐतिहासिक झंडे के मेले में इस बार भी कोरोना का साया छाया हुआ है। पिछले साल भी कोरोना के चलते कुछ ही दिन मेले का आयोजन किया गया था। गौरतलब है कि झंडे का मेला होली के पांचवे दिन से शुरू होकर रामनवमी तक चलता है। इस बार भी कोरोना के मद्देनजर मेले को सूक्ष्म कर दिया है। ये आयोजन सिर्फ दो दिन का होगा। आज यानी शुक्रवार दो अप्रैल को झंडे जी का आरोहण होने के बाद चार अप्रैल को नगर परिक्रमा के बाद मेला संपन्न हो जाएगा।
इस बार जिला प्रशासन ने कोरोना को लेकर झंडे के मेले के लिए गाइडलाइन जारी की थी। इसमें दुकान और झूला आदि प्रतिबंधित कर दिए गए थे। मेले का आकर्षण ये दोनों ही हैं। दुकानों, झूलों और बच्चों के लिए मनोरंजन के साधनों, जादू के खेल, मिन्नी सर्कस आदि के बगैर किसी मेले की कल्पना करना बेमानी है। अब झंडे का मेला, मेला नहीं सिर्फ धार्मिक आयोजन तक सीमित कर दिया गया। प्रेम, सद्भावना व आस्था का प्रतीक झंडा मेला मेलासूक्ष्म स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्रीदरबार साहिब और मेला प्रबंधन कमेटी ने मेले को सीमित रखने का फैसला किया है।
सीएम तीरथ ने दी बधाई

उत्तराखंंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये झंडे के मेले की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि-आप सभी को झंडे जी के आरोहण के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । गुरु महाराज जी सभी भक्तजनों पर अपनी कृपा बनाए रखें। मुझे विश्वास है कि कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण दौर में पूरी सतर्कता, आस्था और जज्बे के साथ इस धार्मिक मेले का सफल आयोजन किया जाएगा।
पुलिस ने इन रास्तों पर वर्जित की वाहनों की एंट्री
देहरादून पुलिस के मुताबिक आज श्री झण्डे जी आरोहण के दृष्टिगत वाहनों का झंडा बाजार की ओर प्रवेश पूर्णत वर्जित किया गया है। सहारनपुर चौक, गऊघाट तिराहा, दर्शनी गेट, मोची वाली गली, – तालाब के चारों ओर, भण्डारी चौक ( गुरुद्वारे की ओर आने वाले सभी मार्गों पर बैरियर लगाकर सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
यातायात के भारी दबाव होने के कारण निरजनपुर मण्डी से सहारनपुर चौक की ओर एंव बल्लीवाला चौक से सहारनपुर चौक की ओर आने वाले यातायात को डायवर्ट कर कमला पैलेस की ओर भेजने की व्यवस्था की गई है। लालपुल से सहारनपुर चौक की ओर आने वाले यातायात को निरंजनपुर मण्डी की ओर भेजा जायेगा ।
हर साल श्री दरबार साहिब में होता है आयोजन
उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय महाराज की जयंती पर हर साल श्री दरबार साहिब देहरादून में श्री झंडे जी मेले का आयोजन किया जाता है। श्री गुरु राम राय महाराज का जन्म पंजाब के कीरतपुर (जिला होशियारपुर) में वर्ष 1646 में होली के पांचवें दिन चैत्रवदी पंचमी पर हुआ था। तब से हर साल संगतों द्वारा देहरादून में होली के पांचवें दिन (चैत्रवदी पंचमी) ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले का आयोजन किया जाता है।
इन्हें मिला दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य
इस साल जसवीर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी जैलसिंह नगर, रोपड़, पंजाब को श्री झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। श्री दरबार साहिब में आयोजित होने वाले देश विदेश से लाखों की संख्या में संगतें देहरादून पहुंचती हैं। श्री झंडे जी के आरोहण और मेले के आयोजन को लेकर मेला प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मेला अधिकारी केसी जुयाल ने बताया कि मेला आयोजन को लेकर संगतों व दूनवासियों में हर वर्ष की भांति हर्षाल्लास का माहौल है।
देहरादून में स्थापित है दरबार साहिब
झंडे जी देहरादून के दरबार साहिब में स्थापित हैं। यहां हर साल आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ता है कि देखने वालों को भी आंखों पर यकीन नहीं होता। इस दरबार साहिब की स्थापना श्री गुरु राम राय जी ने की थी। औरंगजेब गुरु राम राय के काफी करीबी माने जाते थे। औरंगजेब ने ही महाराज को हिंदू पीर की उपाधि दी थी। गुरू राम राय जी ने देहरादून में आकर डेरा डाला था। तब इसे डेरा दून कहा जाता था। लेकिन बाद मे अब यह देहरादून के नाम से विश्व विख्यात हुआ। इसी जगह पर यहां दरबार साहिब बनाया गया और यहां झंडे की स्थापना की की गई।

पढ़ेंः श्री गुरु रामराय दरबारः देहरादून के जन्म और विकास की कहानी का गवाह

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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