चमोली में प्रशासन ने भूख हड़तालियों को जबरन उठाने किया प्रयास, तो दो चढ़े टावर पर, बाजार बंद

चमोली जिले में नंदप्रयाग घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर आज आंदोलन नया मोड़ ले लिया। घाट बाजार में पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों को प्रशासन ने जबरन उठाने का प्रयास किया तो वे उत्तेजित हो उठे। वहीं, दो आंदोलनकारी मोबाइल के ऊंचे टावर में चढ़ गए। इससे प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया।
गौरतलब है कि क्षेत्र के लोग काफी समय से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री भी पहले घोषणा कर चुके थे। जब कुछ नहीं हुआ तो लोगों ने एक माह से धरना शुरू किया हुआ है। आंदोलन के तहत रविवार को हजारों लोगों ने मानव श्रृंखला भी बनाई थी।
वहीं, ये मामला संज्ञान में आने पर सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव लोक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण करते हुए शीघ्र कार्यवाही की जाए। ताकी क्षेत्र की हजारों की आबादी वाले ग्राम सभाओं के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
कल बुधवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी घाट पहुंचे थे और वह एक घंटे आंदोलन के समर्थन में मौन उपवास पर बैठे थे। इससे आंदोलन और गरमा गया। इसी मांग को लेकर धरनास्थल पर पिछले पांच दिन से कुछ लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं। आज आंदोलनकारियों को प्रशासन ने जबरन हटाने की कोशिश की तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। धरने पर बैठे गुड्डू लाल और आंदोलनकारी मदन सिंह टावर पर चढ़ गए। इससे मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। घाट क्षेत्र में पूरा बाजार बंद कर दिया गया। साथ ही लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया।
आमरण अनशन कर रहे टैक्सी यूनियन घाट के अध्यक्ष मनोज कठैत का कहना है कि उनकी मांग नंदप्रयाग घाट सड़क के डेढ लेन चौड़ीकरण की है। जब तक इसका शासनादेश जारी नहीं होता है तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। अनशनकारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुडडू लाल का कहना है कि पहले भी दो मुख्यमंत्री सड़क चौड़ीकरण की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में शासनादेश जब तक जारी नहीं होता तब तक आंदोलनकारियों को सरकार पर भी भरोसा नहीं है।