आइटीआइ अनुदेशक आरपी जोशी ‘उत्तराखंडी’ की कविता-सच्ची श्रद्धांजलिः कल निर्भया शिकार थी तो आज अंकिता है
कल निर्भया शिकार थी तो आज अंकिता है
बेटियां कल भी चिंता थी और आज भी एक चिंता हैं
लेकिन हम हर बार बस एक मोमबत्ती या दिया जला देते हैं
बस इसी को अपना फर्ज समझ हम शोक मना लेते हैं
कुछ दिन होगा शोर शराबा कुछ दिन आंखें होंगी नम
लेकिन उन मां बाप का क्या जिन्हें मिला जीवन का गम
देवभूमि में रहते हैं हम पर असुरों की भी यहां कमी नहीं
बाहर की तो बातें छोड़ो अब घर में भी बेटी सुरक्षित नहीं
कहते हैं हम बेटी बचाओ लेकिन कृष्ण बने यहां कौन
दुशासन की जो जंघा तोड़े वो भी खड़े हैं साधे मौन
हाथ पर हाथ धरे रहने से अब काम नहीं चलने वाला
वहशी और दरिंदों का अब करना होगा मुंह काला
सच्ची श्रद्धांजलि गर देना चाहें हम सब इस बिटिया को
लाओ बीच चौराहे पर इनको और सूली पर लटका दो
कवि का परिचय
आर पी जोशी ‘उत्तराखंडी’
अनुदेशक, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला) देहरादून, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।