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November 22, 2024

खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की बढ़ी मुसीबत, पीएमओ ने दिए जांच के आदेश, विदेशी मुद्रा का मामला

हरिद्वार जिले में खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा रखने के मामले की जांच होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में केंद्र से राज्य के मुख्य सचिव को 29 मार्च 2023 को पत्र लिखा गया है। विदेशी मुद्रा रखने के मामले में जरूरी कार्रवाई व जांच के बाबत केंद्र सरकार ने ईडी समेत अन्य सम्बंधित विभागों को भी सूचित किया है। इस मामले में पूर्व बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने पीएम मोदी को 02 दिसंबर 2022 को शिकायती पत्र लिखा था। यहां ये भी बताना जरूरी है कि उमेश कुमार ने 2022 के विधानसभा चुनाव में खानपुर से निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी व चैंपियन की पत्नी देवयानी को हरा दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

घर से मिली थी विदेशी संपत्ति
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पर्चा दाखिल करते हुए उमेश कुमार ने अपनी सम्पत्ति के विवरण में 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति का उल्लेख किया था। वहीं, इससे पहले अक्टूबर 2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने उमेश कुमार पर राजद्रोह व ब्लैकमेलिंग समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसी दौरान उमेश कुमार की गिरफ्तारी के दौरान उसके घर से 39.79 लाख भारतीय रुपये, 6279 अमेरिकन डॉलर और 11030 थाई करेंसी बरामद हुई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए लिखा
प्रधानमन्त्री कार्यालय के बाद हरकत में आये वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में अनुसचिव जेवियर टोप्पो ने 29 मार्च को इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्य सचिव को जरूरी कार्रवाई के लिए लिखा है। विधायक उमेश कुमार के खिलाफ उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ ही केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, इनकम टैक्स के कमिश्नर के साथ ही ईडी के डायरेक्ट को जांच के आदेश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सदस्यता पर भी लटकी है तलवार
2022 में निर्दलीय विधायक बनने के बाद उमेश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर एक पार्टी जॉइन कर ली थी। यह खबर मीडिया की सुर्खियां भी बनी। नतीजतन, दल बदल कानून का उल्लंघन को आधार बनाते हुए रविन्द्र सिंह ने एक याचिका विधानसभा में दाखिल करते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की। इस याचिका पर विधानसभा कार्यालय ने oct/ nov 2022 को निर्दलीय विधायक को नोटिस भी जारी किया था। लगभग साल भर बीतने को है। स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी ने सदस्यता के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया।

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