यूक्रेन में भारतीय छात्रों की मुसीबत में जान, एक और भारतीय छात्र को लगी गोली, अस्पताल में भर्ती, मदद की गुहार
यूक्रेन की राजधानी कीव में फिर एक और भारतीय छात्र गोली लगने से घायल हो गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि कीव के एक छात्र को गोली लगने की सूचना मिली है और उसे तुरंत कीव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लगाई मदद की गुहार
हरजोत सिंह का मैसेज रविंदर सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। रविंदर सिंह खालसा एड के फाउंडर और सीईओ हैं। उन्होंने यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास को ट्वीट करते हुए हरजोत के लिए मदद मांगी है।रविंदर सिंह द्वारा शेयर किए मैसेज में हरजोत ने लिखा है कि-मेरा नाम हरजोत सिंह हैं और मैं भारतीय छात्र हूं।जो यूक्रेन में फंस गया है। मैं यूक्रेन में कार से लिव शहर जा रहा था कि रास्ते में पहले मुझ पर हमला हुआ और फिर मुझे गोली मारी गई। एंबुलेंस मुझे लेकर अस्पताल आई और अब मैं कीव शहर में हूं। भारतीय उच्चायोग यहां से बीस मिनट की दूरी पर है। मुझे आपकी मदद चाहिए। कृपया मुझे यहां से निकालने में मेरी मदद करिए।
बता दें छात्र वर्तमान में युद्धग्रस्त देश यूक्रेन से भाग रहे हैं और अपनी सुरक्षित भारत वापसी के लिए पोलैंड की सीमा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। चार केंद्रीय मंत्री, हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह, यूक्रेन से सटे देशों में निकासी प्रयासों की देखरेख कर रहे हैं।
नवीन की हो गई थी मौत
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का सीधा असर भारत पर भी दिखने लगा है। यूक्रेन में छिड़ी जंग में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी। मृतक छात्र की पहचान कर्नाटक के रहने वाले नवीन के तौर पर हुई थी। बताया गया कि कर्नाटक का रहने वाला नवीन गवर्नर हाउस के पास कुछ अन्य लोगों के साथ खाने का सामान लेने के लिए स्टोर के पास खड़ा था, उसी वक्त वह रूसी सैनिकों की गोलीबारी की चपेट में आ गया।
पंजाब के बरनाला में 22 साल के छात्र की मौत
वहीं पंजाब के बरनाला जिले के 22 वर्षीय छात्र की बुधवार को युद्ध प्रभावित यूक्रेन में मौत हो गई। मस्तिष्क में खून के प्रवाह में बाधा की बीमारी के लिए करीब एक महीने से उसका उपचार चल रहा था। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि चंदन जिंदल को यूक्रेन के विनित्सिया आपातकालीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छात्र के परिवार ने सरकार से उसके पार्थिव शरीर को वापस लाने का अनुरोध किया है।
जिंदल विनित्सिया नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विनित्सिया में पढ़ाई कर रहे थे. जिंदल के चाचा कृष्ण गोपाल ने बरनाला में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें तीन फरवरी को उसके खराब स्वास्थ्य की सूचना मिली थी और यूक्रेन के अधिकारियों ने ऑपरेशन करने के लिए परिवार की मंजूरी मांगी थी। गोपाल ने कहा कि वह और चंदन के पिता सात फरवरी को यूक्रेन गए थे। गोपाल बाद में लौट आए, जबकि उनके भाई अपने बेटे के साथ यूक्रेन में रह गए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।