त्वरित प्रतिक्रियाः आदिवासी कभी हिंदू नहीं थे, वाले झारखंड के सीएम के बयान को बताया हास्यास्पद

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदिवासी कभी हिंदू नहीं थे, वाले बयान को हास्यास्पद बताते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा है कि इस प्रकार का बयान देकर आदिवासियों को गैर आदिवासियों से अलग करने की नीति राज्य के हित में नही हैं। कहा कि इस प्रकार की नीति से लोगों के मनों में नफरत फैलेगी और राज्य में अमन चैन खतरे में पड़ जाएगा।
एक बयान में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मालूम होना चाहिए कि गुमला जिला में अंजनी ग्राम है। वहां श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था और श्री लंका पर चढ़ाई करने के लिए भगवान श्रीराम को इसी हनुमान जी ने सहयोग किया था। यह सारे हिंदू थे और भगवान राम के साथ-साथ हनुमान जी भी इस दायरे में आते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें बहुत खुशी हुई थी, जिस दिन हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। हमें लगा था कि राज्य का एक सही संचालक आ गया है, जिसने अपना पहला स्टेटमेंट दिया था कि बुके नहीं बुक दीजिए। कितनी अच्छी बात कही थी उन्होंने ।
आज वही मुख्यमंत्री सत्ता की भागीदारी में कांग्रेस का सहयोग बनाए रखने के लिए इस प्रकार का उल जुलूल स्टेटमेंट दे रहे हैं जो की बहुत ही दुखद है। कहा कि आदिवासियों का भला किसी भी आदिवासी मुख्यमंत्री ने कभी नहीं चाहा। आज आवश्यकता है कि वे आदिवासियों पर ध्यान दें लड़ाने की प्रवृत्ति पर नहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट भवन जहां से सचिवालय का सारा काम होता है, वहां गैर आदिवासी लाखों लाख रुपये महीना पाने वाले वाले पद पर हैं। जो आदिवासी हैं, उनको मेंनडेज पर रखा हुआ है और वे 200 रुपये प्रतिदिन पर काम कर रहे हैं। वहीं, अन्य लोग महीने में लाख से डेढ़ लाख रुपैया पा रहे हैं । कहा कि मुख्यमंत्री जी को इस ओर ध्यान देना चाहिए। पोद्दार ने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि कांग्रेस से सावधान रहें और राज्य में अमन चैन बना रहने दे। इसे एक आदर्श राज्य के रूप में प्रस्तुत करें इसमें हम सब आपके साथ हैं।
धर्म चंद्र पोद्दार
राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जन महासभा
जमशेदपुर जिला पूर्वी सिंहभूम (झारखंड)
धर्म चंद्र पोद्दार पेशे से अधिवक्ता हैं और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।