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January 5, 2025

कांग्रेस सांसद शशि थरूर, न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे सहित सात के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा

यूपी में कांग्रेस नेता शशि थरूर समेत सात लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। जिन लोगों में हिंसा फैलाने की धाराएं लगाई गई हैं उसमें शशि थरूर के साथ एक टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे और जफर आगा के नाम शामिल हैं।

राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, सात के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा, किसान आंदोलन, दिल्ली में हिंसा, कृषि कानून
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर पुलिस की तरफ से बेहद सख्ती की जा रही है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जहां लाल किले में झंडा लगाने को लेकर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार धर-पकड़ की जा रही है। इस बीच यूपी में कांग्रेस नेता शशि थरूर समेत सात लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। जिन लोगों में हिंसा फैलाने की धाराएं लगाई गई हैं उसमें शशि थरूर के साथ एक टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे और जफर आगा के नाम शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में इन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए गए और दंगा भड़काने की साजिश की गई।
पुलिस को दी शिकायत में अर्पित मिश्रा ने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं। उनका आरोप है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा है-26 जनवरी 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं। इन व्यक्तियों ने पूर्वाग्रह की वजह से ऐसा काम किया जिससे देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया। एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने वाले और उकसाने वाली ऐसी खबरें प्रसारित कीं और अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। सुनियोजित साजिश के तहत गलत जानकारी प्रसारित की गई कि आंदोलनकारी को पुलिस ने गोली मार दी। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।
अर्पित ने इन सभी पर उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार 7 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर सात नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 153a, 153b, 295a, 298,504,506, 505, 124a, 34, 120b और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान देश की धरोहर को नुकसान पहुंचाया गया है इसके अलावा इस हिंसा में करोड़ों की प्रॉपर्टी का नुकसान तो हुआ ही है साथ ही साथ पुलिस के 394 जवान घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज FIR में साफ तौर पर लिखा है कि देश और देश के बाहर जो भी ऑर्गेनाइजर या इंडिविजुअल उन सबकी भूमिका की जांच की जाएगी। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. सूत्रों के मुताबिक दर्ज की गई FIR में साफ तौर पर लिखा गया है एक बड़ी साजिश के तहत इस पूरी हिंसा को अंजाम दिया गया है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा के इस मामले में अब तक 33 FIR दर्ज की जा चुकी है जिनमें से 9 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। जिसमें समयपुर बादली, कोतवाली, आई पी एस्टेट, नांगलोई, बाबा हरिदास नगर, नजफगढ़, पांडव नगर इन थानों में दर्ज हुए मामलो की जांच क्राइम ब्रांच की टीम करेगी. पुलिस के मुताबिक इसके अलावा अब तक 44 लोगों के खिलाफ LOC जारी की गई है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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