श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में शैक्षणिक पदों के समायोजन में बरती जाए पारदर्शिता, मनमानी का लगाया आरोप
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में होने जा रहे शैक्षणिक पदों के समायोजन प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं के संदर्भ में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व दर्जाधारी विवेकानंद खंडूरी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया।
उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश को महाविद्यालय की ओर से पहले ही सभी परिसंपत्तियों का हस्तांतरण किया जा चुका है। इसी क्रम में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की ओर से शैक्षणिक पदों पर समायोजन करने की प्रक्रिया के तहत पूरे उत्तराखंड प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग से राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से विकल्प मांगे गए हैं। इसमें वरिष्ठता क्रम में शिक्षकों का चयन के आधार पर सूची बनाई जानाी थी। इसमें वरिष्ठता एवं श्रेष्ठता के मानक के अनुसार सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाना था। इसी आधार पर पूर्व प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने प्रक्रिया को पूर्ण कर अनुमोदन के लिए उच्च शिक्षा मंत्री को सूची को भेजा है।
उन्होंने कहा कि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वरिष्ठता सूची में कतिपय रसूखदार शिक्षकों का नाम न आने के कारण इस प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नए मानकों को आधार बनाकर समायोजन प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसमें वरिष्ठता क्रम को दरकिनार करते हुए वार्षिक गोपनीय आख्या के नंबरों को आधार मानकर डीपीसी की प्रक्रिया के तहत चयन करने की तैयारी हो रही है। इससे अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया जा सके। जो कि पूर्णतया असंवैधानिक प्रक्रिया है।
विवेकानंद खंडूरी ने अपर मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि समायोजन इंडक्शन प्रक्रिया के तहत शिक्षकों का समायोजन होना चाहिए। न कि डीपीसी प्रक्रिया के आधार पर। क्योंकि सभी कर्मचारी अपनी वरिष्ठता के आधार पर विश्वविद्यालय में समान पद पर ही समायोजित होंगे। जैसे कि पूर्व में गढ़वाल विश्वविद्यालय एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय में इसी आधार पर समायोजन की प्रक्रिया को अपनाया गया था। जोकि निर्विवाद व पारदर्शी होगा। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उपरोक्त प्रक्रिया की जांच करवा कर नीति संगत समायोजन प्रक्रिया का भरोसा दिया। इसके अलावा विवेकानंद खंडूरी ने राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इस ज्ञापन की प्रतियां भेजी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।