जीएसटी चेक पोस्ट के अधिकारियों से व्यापारी परेशान, वित्त मंत्री से मिले, सौंपा ज्ञापन
देहरादून में जीएसटी के अधिकारियों के व्यवहार से परेशान व्यापारियों ने वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात की। दून उद्योग व्यापार मंडल के इस एक प्रतिनिधि मंडल ने आशारोड़ी मोहब्बेवाला स्थित जीएसटी चेक पोस्ट पर तैनात अधिकारियों पर व्यापारियों का नाजायज उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। इसे लेकर वित्त मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार भी बीजेपी की और व्यार मंडल भी बीजेपी से जुड़ा है, लेकिन व्यारियों की परेशानी को अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के चेयरमैन विपिन नागलिया ने वित्त मंत्री को बताया कि जीएसटी कानून के अर्न्तगत पूरे देश में चेक पोस्ट खत्म कर दी गई थी। मोबाइल दस्ते व फलाईंग स्क्वेड बना दी गई थी। वहीं, देहरादून में देखने में आ रहा है कि यह मोबाइल वेन ना होकर पूरी चैक पोस्ट के रूप में चल रही है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा प्रत्येक वाहन को चेक पोस्ट में बुलाकर चेक किया जाता है, जिससे देहरादून का व्यापारी व ट्रांसपोटर बहुत परेशान है। उन्होंने मांग है कि यह चेक पोस्ट बंद होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया जी ने बताया कि व्यापरियों का जो माल प्रदेश के बहार से आ रहा है, उसमें जबरदस्ती कोई ना कोई छोटी मोटी मानवीय गलती या क्लेरिकल मिस्टेक, ईवे बिल इत्यादि की गलती निकलकर जबरदस्ती माल को रोक लिया जाता है। साथ ही जीएसटी कानून का भय दिखाकर व्यापारी से भारी जुर्माना वसूला जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमारा यह मानना है कि यदि कानूनी मजबूरी है भी तो ऐसे मामले में अधिकारी अपने विवेक का इस्तेमाल कर न्यूनतम जुर्माना लगाकर माल को छोड़ सकता है, लेकिन इन अधिकारियों का इरादा ही यह रहता है कि ज्यादा से ज्यादा जुर्माना वसूला जाए। ताकि विभाग में इनकी वाहवाही हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दून उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि देहरादून का व्यापारी वास्तव में इन अधिकारियों के उत्पीडन से बहुत परेशान है। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि व्यापारी की टैक्स चोरी की कोई मंशा नही है। अगर भूलवश व्यापारी द्वारा उसमें कोई छोटी मोटी त्रुटी रह गई है, तो उसमें कोई न कोई गलती निकालकर व्यापारी से जीएसटी कानून के मुताबिक अधिकतम जुर्माना वसूला जा रहा है। जिस व्यापारी का माल रूक जाता है, वह कई-कई दिन तक अपनी दुकान व व्यापार छोड़कर चेक पोस्ट के चक्कर लगाता रहता है। ट्रक वाला भी अलग से परेशान रहता है। एक दो नग के लिये उसका पूरा ट्रक रोक लिया जाता है। यदि व्यापारी जुर्माना ना भरे तो उसे धमकाया जाता है कि उसकी दुकान पर छापा डलवा देंगे।विभाग में आपकी फाईल व रिकार्ड खराब करवा देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यदि चेक पोस्ट में और कुछ गलती न मिले तो व्यापारी का माल चेक पोस्ट पर खोल दिया जाता है। फिर बिल से उसका मिलान किया जाता है। इससे व्यापारी का समय भी बर्बाद होता है। साथ ही उसका मानसिक उत्पीडन भी होता है। चेक पोस्ट पर खुला सामान के खराब होने का भी डर रहता है। यदि उच्च अधिकारीयों से सम्पर्क करते हैं, तो साफ नजर आता है कि उच्च अधिकारी तो संतुष्ट हैं, लेकिन इन चेक पोस्ट के अधिकारियों के सामने वह भी मजबूर होते हैं। हार कर व्यापारी जुर्माना भरकर पीछा छुड़ाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अग्रवाल ने आगे कहा कि हमारे प्रदेश में अपील की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। अपील में कम से कम छः माह या उससे अधिक समय लगता है। यदि व्यापारी जुर्माना न भरें तो इतने लम्बे समय तक उसका माल चेक पोस्ट पर सड़ता रहता है। उसके चोरी होने का भी अंदेशा बना रहता है। हमारे प्रदेश में ट्रियूब्निल की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि व्यापारी को न्याय चाहिये तो उसके पास उच्च न्यायालय जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसके लिये उसे काफी पैसा व समय चाहिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जहां कोई गलती नहीं मिलती है, वहां पर व्यापारी का माल एमआरपी के आधार पर रोक लिया जाता है, जबकि जीएसटी कानून में एमआरपी की काई पाबंदी नहीं रह गई है। पूरे बाजारों में व ऑनलाईन पर पटाखों पर बडी-बडी सेल लगी रहती है, जोकि 50 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक की सेल बाजारों में लगी रहती है, तो यह अधिकारी एमआरपी को आधार बनाकर किस प्रकार माल को रोक सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दून उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेसोन ने कहा कि कि एक तरफ तो हमारे देश के प्रधान मंत्री व हमारे प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री Ease Of Doing Buisness तथा शिकायत प्रकोष्ठों व अलग-अलग विभागों व शिकायत के लिये मुख्यमंत्री टेलीफोन नम्बर दे रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर इस प्रकार के कुछ अधिकारी सिर्फ अपनी छवि चमकानें के लिये व अपनी जिद के लिये ईमानदार व्यापारियों को भी तंग कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि दून उद्योग व्यापार मंडल का पूर्व में भी तथा हमेशा से यह प्रयास रहता है कि शासन प्रशासन का सहयोग किया जाये। तथा चाहे अतिक्रमण का ममला है या टैक्स चोरी का मामला हो या और भी कोई मामला हो तो गलत व भ्रष्ट व्यापारियों का साथ व्यापार मण्डल नहीं देता है। प्रतिनिधिमण्डल के समस्त सदस्यों ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से अनुरोध किया कि इस विषय में शीघ्र ही कोई कार्यवाही की जाये। इस पर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने व्यापारियों की समस्या को बेहद सलीके से सुना ओर समस्या के समाधान का आश्वासन भी दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान दून उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष डीडी अरोड़ा, पलटन बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष संतोख नागपाल, व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी राजेश बडोनी, विजय कोहली, पार्षद अजय सिंघल, संजय जैन, नरेश गुप्ता, विजय गोयल, आदेश अग्रवाल, सुयश गर्ग, सुमित कुमार, सतीश मेहता, अक्षत जैन आदि व्यापारी पदाधिकारी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।