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April 24, 2025

घोड़े, खच्चरों की मौत पर मेनका के संज्ञान के बाद पर्यटन मंत्री महाराज का एक्शन, पशुपालन मंत्री बहुगुणा से हस्तक्षेप को कहा

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ रही है। यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को आदेश दिए हैं कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ रही है। यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को आदेश दिए हैं कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होने केदारनाथ में घोड़े, खच्चरों की मौत का आंकड़ा बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस पर तुरंत विराम लगना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस मामले में पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा को हस्तक्षेप करने को कहा है।
सतपाल महाराज ने कहाकि चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हो रहा है, जो कि प्रदेश के लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारी इस प्रकार की व्यवस्था को अमल में लाएं कि श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे धामों की ओर भेजा जाए। महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में केदारनाथ में यात्रियों की अत्यधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए।
केदारनाथ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लगातार हो रही घोड़े खच्चरों की मौत पर प्रमुख राजनेत्री एवं पशु अधिकारवादी मेनका गांधी ने भी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से दूरभाष पर वार्ता कर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस पर उन्होने पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा से बात कर घोड़े खच्चरों को रेगुलेट करने के साथ साथ उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।
महाराज ने पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि घोड़े खच्चरों को खाना खाने के बाद तीन-चार घंटे का आराम मिलना चाहिए। ताकि यात्रा को पूरी तरह से रेगुलेट किया जाए। उन्होंने कहा कि यात्रियों को पहले ही रोका जाए और धीरे-धीरे करके उन्हे धामों को भेजा जाए। ताकि केदारनाथ में अत्यधिक भीड़ के कारण जानवरों पर दबाव न पड़े। उन्होंने कहा कि मूक जानवरों का ध्यान रखना हमारा दायित्व है। इसलिए इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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