आज का पत्रः उत्तराखंड कांग्रेस ने किए पुलवामा हमले को लेकर पीएम से सवाल
उत्तराखंड कांग्रेस ने शनिवार आठ अप्रैल से आज का पत्र (टुडेज लेटर) नाम से एक अभियान शुरू किया है। ये अभियान 30 अप्रैल तक हर दिन चलाया जाना है। इस अभियान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय और जिला कांग्रेस कार्यालय से लेकर प्रदेश इकाई कांग्रेस के नेता हर दिन एक विषय लेकर पत्र लिख रहे हैं। इसके तहत देशहित के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और राज्य के मुद्दों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखे जा रहे हैं। अभियान के 10वें दिन आज उत्तराखंड कांग्रेस ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। इसमें पुलवामा हमले को लेकर सवाल उठाए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज 17 अप्रैल 2023 को पीएम को भेजी गई चिट्ठी
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
14 फरवरी 2019 को, पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के परिवारों के साथ ही देश जानना चाहता है कि-
1.CRPF को सड़क मार्ग से जाने को मजबूर क्यों किया गया तथा उन्हें हवाई जहाज / एयरक्राफ्ट नहीं देने के लिए कौन जिम्मेदार था?
2-300 किलो RDX से भरी कार इस संवेदनशील क्षेत्र में कैसे पहुंची?
3.राज्यपाल को चुप रहने के निर्देश क्यों दिए गये ?
4.चार साल बाद भी इस हमले से सम्बंधित जानकारी देश के सामने क्यों नहीं आई? ये कुछ ज्वलंत प्रश्न हैं, जिम्मेदारी तो तय करनी ही होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले दिन आठ अप्रैल की चिट्ठी
माननीय प्रधानमंत्री जी, देश की वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के पश्चात, मुझे महसूस हो रहा है कि देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थांयें तथा परम्परायें , कमजोर हो रही हैं। मैं, देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान को अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं भारतीय संस्कृति की उच्च परम्पराओं के अनुसार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहूँगा। देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखना हर भारतीय का कर्तव्य है. देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की रक्षा, तथा बढ़ती आर्थिक विषमताओं के खिलाफ, कल्याणकारी राज्य हेतु, मेरा सत्याग्रह है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे दिन नौ अप्रैल की चिट्ठी
दूसरे दिन की चिट्ठी में भारतीय सेनाओं के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों में रिक्त पड़े पदों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया। इसमें कहा गया है कि-आदरणीय प्रधानमंत्री जी, इस समय थल सेना में, 1 लाख 55 हजार पद, नौसेना में 12,428 और वायु सेना में 7,031 पद खाली हैं। सेनाओं में JCO के 1,27,673 पद, नर्सिंग अफसर के 509 पद, तथा सिविलियन सेवा के 38,678 पद खाली हैं, अर्थात भारतीय सेना में कुल 2,82,673 पद खाली हैं। इसके अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों में 83,000 पद खाली हैं। क्या आप सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड के नौजवानों को सेना में सेवा का अवसर देंगे? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीसरे दिन 10 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, क्या अडानी समूह का चीन के चांग लुंग की कंपनी PMC से रिश्ता है? क्या अडानी के भाई और चांग, 2007 में सिंगापूर में एक ही घर पर रहते थे ? क्या चांग की कम्पनी अडानी के पते पर रजिस्टर्ड है ? क्या ये दोनों कम्पनीयां सामरिक महत्त्व की परियोजनाओं पर भी काम कर रही हैं ? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं करता है? इसीलिये आवश्यक है कि अडानी की कंपनी को 20000 करोड़ रूपये कहाँ से मिले, यह देश को बताया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौथे दिन 11 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, अंकिता भंडारी की हत्या हुए, लगभग 8 महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं। क्या कोई VIP उस रात रेजॉर्ट में आने वाला था? रिजोर्ट को बुलडोजर से क्यों तोडा गया ? रिजोर्ट में आग किसने और क्यों लगाई? रिजोर्ट पुलिस की अभिरक्षा में होने के वावजूद, वहां आवागमन कैसे हो रहा है ? सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवा रही है ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पांचवे दिन 12 अप्रेल 2023 की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, उत्तराखंड की बेटी की दिल्ली के छावला में वर्ष 2012 में बलात्कार के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी। उसके अपराधियों को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, उसके पश्चात गुनहगारों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की, लेकिन उच्च न्यायालय ने भी उनकी फांसी की सजा बरक़रार रखी। उसके बाद सभी अपराधी सर्वोच्च न्यायालय गए। सर्वोच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में सभी अपराधियों छोड़ दिया। उत्तराखंड की बेटी के माता–पिता दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। सवाल यह है कि अगर इन चारों ने उत्तराखंड की बेटी की हत्या नहीं की तो फिर किसने की? उत्तराखंड सरकार ने पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलवाने के लिए क्या प्रयास किया? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छठे दिन 13 अप्रैल 2023 की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, उत्तराखंड की महिला क्रिकेट खिलाडियों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं। ये खबरें मीडिया के माध्यम से प्रचारित हो रहीं हैं। देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा के लिए इस प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाई जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सातवें दिन 14 अप्रैल 2023 की चिट्ठी
माननीय मुख्यमंत्री जी, भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जयंती की आपको शुभकामनायें। इस अवसर पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता / चाहती हूँ कि – उत्तराखंड शासन – माध्यमिक शिक्षा अनुभाग -1 संख्या -3096 /XXIV -B-1 /21 -32 (01)/2018/ दिनांक 16 सितम्बर 2022 की अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) नियमावली में परिवर्तन करते हुए, लोकसेवा आयोग से विभागीय परीक्षा में सीधी भर्ती के समान आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है। इस आदेश से ऐसा परिलक्षित होता है कि उत्तराखण्ड सरकार अनुसूचित जाति / जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में एक प्रयास है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आठवें दिन 15 अप्रैल 2023 की चिट्ठी
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, सादर प्रणाम। 2016 से 2022 के बीच, 41643 करोड़ मूल्य के नशीले पदार्थ गुजरात के बंदरगाहों पर पकड़े जाने के समाचार प्रकाशित हुए हैं। इसके अतिरिक्त यह भी संभव है कि बहुत से मादक पदार्थ पकड़े ही न गए हों। इन प्रकरणों कौन लोग इस अपराध में दोषी थे। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, इसकी कोई जानकारी देश को उपलब्ध नहीं हुई है। नशे की लत, देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को बर्बाद कर रही है।
नवें दिन 16 अप्रैल को पीएम को भेजी गई चिट्ठी
माननीय प्रधानमंत्री जी, इस समय देश में ऑनलाइन गैम्ब्लिंगएंड गेम्स, अर्थात फोन और इन्टरनेट के माध्यम से जुआ खेलना, का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह कार्य भारत सरकार कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021के अंतर्गत किया जा रहा है। अर्थात भारत सरकार इस जुए को संरक्षित एवं विनियमित कर रही है। देश की युवा पीढ़ी को जुए की लत तथा आर्थिक बर्बादी से बचाने के लिए अविलंब इस जुए को बंद किया जाना चाहिये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नवें दिन 16 अप्रैल को सीएम को भेजी गई चिट्ठी
माननीय मुख्यमंत्री जी, इस समय प्रदेश में ऑनलाइन गैम्ब्लिंग एंड गेम्स, अर्थात फ़ोन और इन्टरनेट के माध्यम से जुआ खेलना, का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड के युवा भी इस लत के कारण अपना भविष्य तथा धन खराब कर रहे हैं। राज्य की युवा पीढ़ी को जुए की लत तथा आर्थिक बर्बादी से बचाने के लिए अविलंब इस जुए को बंद करने के लिए तमिलनाडु प्रोहिबिसन ऑफ़ ऑनलाइन गैम्लिंग एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑनलाइन गेम्स आर्डिनेंस 2022 की तर्ज पर कानून बनाया जाये।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।