आज का पत्रः उत्तराखंड कांग्रेस ने सीएम धामी से किए सवाल, अभी भी अनुत्तरित क्यों हैं अंकिता हत्याकांड के प्रश्न
उत्तराखंड कांग्रेस ने शनिवार आठ अप्रैल से आज का पत्र (टुडेज लेटर) नाम से एक अभियान शुरू किया है। ये अभियान 30 अप्रैल तक हर दिन चलाया जाना है। इस अभियान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय और जिला कांग्रेस कार्यालय से लेकर प्रदेश इकाई कांग्रेस के नेता हर दिन एक विषय लेकर पत्र लिख रहे हैं। इसके तहत देशहित के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और राज्य के मुद्दों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखे जा रहे हैं। अभियान के चौथे दिन आज उत्तराखंड कांग्रेस ने उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सवाल उठाए गए। ये पत्र सीएम पुष्कर सिंह धामी को लिखा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज 11 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, अंकिता भंडारी की हत्या हुए, लगभग 8 महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं। क्या कोई VIP उस रात रेजॉर्ट में आने वाला था? रिजोर्ट को बुलडोजर से क्यों तोडा गया ? रिजोर्ट में आग किसने और क्यों लगाई? रिजोर्ट पुलिस की अभिरक्षा में होने के वावजूद, वहां आवागमन कैसे हो रहा है ? सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवा रही है ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है अंकिता भंडारी हत्याकांड
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर 2022 की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया था। इस मामले में चर्चा ये भी रही कि किसी वीआईपी को खुश करने के लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले दिन आठ अप्रैल की चिट्ठी
माननीय प्रधानमंत्री जी, देश की वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के पश्चात, मुझे महसूस हो रहा है कि देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थांयें तथा परम्परायें , कमजोर हो रही हैं। मैं, देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान को अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं भारतीय संस्कृति की उच्च परम्पराओं के अनुसार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहूँगा। देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखना हर भारतीय का कर्तव्य है. देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की रक्षा, तथा बढ़ती आर्थिक विषमताओं के खिलाफ, कल्याणकारी राज्य हेतु, मेरा सत्याग्रह है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे दिन नौ अप्रैल की चिट्ठी
दूसरे दिन की चिट्ठी में भारतीय सेनाओं के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों में रिक्त पड़े पदों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया। इसमें कहा गया है कि-आदरणीय प्रधानमंत्री जी, इस समय थल सेना में, 1 लाख 55 हजार पद, नौसेना में 12,428 और वायु सेना में 7,031 पद खाली हैं। सेनाओं में JCO के 1,27,673 पद, नर्सिंग अफसर के 509 पद, तथा सिविलियन सेवा के 38,678 पद खाली हैं, अर्थात भारतीय सेना में कुल 2,82,673 पद खाली हैं। इसके अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों में 83,000 पद खाली हैं। क्या आप सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड के नौजवानों को सेना में सेवा का अवसर देंगे? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीसरे दिन 10 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, क्या अडानी समूह का चीन के चांग लुंग की कंपनी PMC से रिश्ता है? क्या अडानी के भाई और चांग, 2007 में सिंगापूर में एक ही घर पर रहते थे ? क्या चांग की कम्पनी अडानी के पते पर रजिस्टर्ड है ? क्या ये दोनों कम्पनीयां सामरिक महत्त्व की परियोजनाओं पर भी काम कर रही हैं ? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं करता है? इसीलिये आवश्यक है कि अडानी की कंपनी को 20000 करोड़ रूपये कहाँ से मिले, यह देश को बताया जाये।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




