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December 15, 2024

देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर दिया धरना, बजाया हारमोनियम व ढोलक

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित व हक हकूक धारियों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत आज शुक्रवार 11 जून को मंदिर प्रांगण में धरना दिया गया।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित व हक हकूक धारियों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत आज शुक्रवार 11 जून को मंदिर प्रांगण में धरना दिया गया। इस दौरान बांह में काली पट्टी बांधी गई। साथ ही हारमोनियम और ढोलक बजाकर भजन गाए गए और सरकार को जगाने का प्रयास किया गया। तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन को ओर तेज करने का ऐलान भी किया।
बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका।

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। साथ ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का ऐसा बयान हाल ही में आया कि इससे तीर्थ पुरोहित भड़क उठे। उन्होंने कहा कि कि बोर्ड को लेकर पुनर्विचार का सवाल नहीं उठता। हालांकि महाराज बाद में अपनी बात से मुकर गए। वहीं, हाल ही में तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री का पुतला भी दहन किया था। ऐसा गंगोत्री के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी नेता का पुतला जलाया गया हो।
आज शुक्रवार को तीर्थ पुरोहित और हकहकूकधारी मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठे। इस दौरान महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने कहा कि राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड के मामले में तीर्थ पुरोहितों को गुमराह कर रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार की बात सार्वजनिक मंचों पर कह रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ शासन से देवस्थानम बोर्ड में आठ सदस्यों को नामित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री और संस्कृति मंत्री व विधायक के बयानों में विरोधाभास है। मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि वे देवस्थानम बोर्ड को लेकर अपनी घोषणा पर कायम हैं या नहीं।
महापंचायत की घोषणा के मुताबिक चारों धामों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके बाद 15 जून को चारों धामों में तीर्थ पुरोहित सांकेतिक उपवास रखेंगे। 20 जून को सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन व यज्ञ किया जाएगा। 21 जून से चारों धाम में धरना एवं प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। तब से ये आंदोलन अनिश्चितकालीन चलेगा।
गंगोत्री से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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