तिब्बती नागरिकों को भी मिलेगा केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ, एसीएस ने बैठक में दिए निर्देश

उत्तराखंड में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से राज्य सरकार को तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में उन्होंने बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य में निवास कर रहे तिब्बती नागरिकों को मिल सके, इसके लिए तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान उत्तराखंड में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने शासन को जन्म प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतें, भूमि स्वामित्व विवाद, आवास, सड़क, पेयजल का ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में तिब्बती संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन से सहायता की अपेक्षा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग रिद्धिम अग्रवाल, निवेदिता कुकरेती, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून प्रत्यूष सिंह, अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेन्ट्रल तिब्बतन वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी एवं देहरादून में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।