जंगल में आग लगने से रास्ता भटके तीन ट्रैकर, एसडीआरएफ ने ढूंढ निकाला, किया रेस्क्यू
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता-देवरियाताल ट्रेक पर जंगल मे आग लगने से तीन ट्रैकर रास्ता भटक गए और जंगल में फंस गए। इनमें दो घायल भी हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ, फायर विभाग और वन विभाग की टीम ने इन ट्रैकरों को खोज निकाला। इनका रेस्क्यू किया गया और सुरक्षित लाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घटना 20 जनवरी की है। देवरियाताल-चोपता ट्रेक पर निकले तीन ट्रेकर्स का सफर उस समय खतरनाक हो गया, जब जंगल में आग लगने के कारण वे रास्ता भटक गए। जिला नियंत्रण कक्ष रुद्रप्रयाग से मिली जानकारी के अनुसार, तीनों ट्रेकर्स में से एक व्यक्ति को चोट लगने के कारण वह रास्ते में रुक गया। उसका साथ एक साथी वहीं रुक गया, जबकि तीसरा व्यक्ति सहायता के लिए नीचे गया, लेकिन उसे भी पैर में चोट लग गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूचना पर एसडीडीआरएफ और वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो व्यक्तियों को ट्रैक पर ढूंढ लिया गया। वहीं तीसरे लापता व्यक्ति को खोजने का अभियान शुरू किया गया। एसडीआरएफ की टीम ने लगभग 08 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके घायल व्यक्ति अधिराज चौहान (21 वर्ष) निवासी उदयपुर, राजस्थान को घने जंगल से ढूंढ निकाला। एसडीआरएफ टीम द्वारा घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर कड़ी मशक्कत करते हुए स्ट्रेचर की सहायता सुरक्षित मुख्य मार्ग तक पहुँचाकर उपचार हेतु अस्पताल पहुँचाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बाद में दो ट्रेकर्स को भी सुरक्षित नीचे लाये जाने के लिए DDRF, फॉरेस्ट की टीम की सहायता के लिए SDRF की एक अतिरिक्त टीम सोनप्रयाग से SI धर्मेंद्र पंवार के नेतृत्व में मौके के लिए रवाना हुई और उन्हें भी सुरक्षित निकाल लिया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।