देहरादून में पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त होने के मामले में लोनिवि के तीन अभियंता निलंबित
देहरादून में थानो मार्ग पर स्थित बडासी पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त होने के मामले में दो अधिशासी अभियंता और एक सहायक अभियंता पर गाज गिरी। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने तीनों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग देहरादून के मुख्य अभियंता ने इस संबंध में अपनी जांच आख्या दी है। इसमें कहा गया है कि बडासी सेतु के पहुंच मार्ग से संबंधित धारक दिवाल के निर्माण में कंसलटेंट की ओर से प्रस्तुत स्ट्रक्चरल ड्राइविंग को सक्षम अधिकारी के बिना अनुमोदन के अधिमानक निर्माण कार्य कराया गया। कार्यस्थल पर निर्मित पहुंच मार्ग पर बरसात के पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं रखा गया। कार्य के प्रति इस प्रकार की लापरवाही पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता जीत सिंह रावत, तत्कालीन अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र मिश्र एवं सहायक अभियंता अनिल कुमार चंदोला के निलंबन के आदेश जारी किए हैं।
ये हुई थी घटना
बुधवार 16 जून की रात लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की ओर से निर्मित यह पुल ध्वस्त हो गया था। इस दौरान करीब तीन बच्चे इसकी चपेट में आए। उन्हें स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। गनीमत रही कि बच्चों को मामूली चोट आई और उस वक्त कोई वाहन सड़क से नहीं गुजर रहा था।
तीन साल से कम समय में ध्वस्त हुई थी सड़क
पुल का निर्माण वर्ष 2018 में किया गया था। उसकी एप्रोच रोड तीन साल से भी कम समय में ध्वस्त हो गई। थानो रोड पर यह पुल बडासी के पास बना है। इस सड़क का इस्तेमाल देहरादून से लोग ऋषिकेश की तरफ जाने को भी करते हैं। इसकी रायपुर की तरफ वाली एप्रोच रोड पर बुधवार दोपहर को धंसाव देखने को मिला था। इसके चलते एप्रोच की दीवार भी बाहर की तरफ निकल आई थी। यह धंसाव धीरे-धीरे कर बढ़ने लगा और बुधवार देर शाम को एप्रोच रोड का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
पहले भी हुई थी जांच
थानो रोड पर पिछले करीब तीन साल में तीन पुल का निर्माण किया गया था। इससे पहले इस रोड पर रायपुर की तरफ वाले पहले पुल की एप्रोच रोड पर भी धंसाव हो गया था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुल का निरीक्षण कर प्रकरण की जांच बैठाई थी। इसके बाद संबंधित अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया था। कुछ समय बाद ही सभी अभियंता बहाल कर दिए गए और जांच में भी लीपापोती कर दी गई। लोनिवि में गुणवत्ता के नाम पर कई दफा जांच की औपचारिकता की जाती रही हैं, मगर ठोस कार्रवाई कभी नहीं की गई।
आपाधापी में बनाया पुल
थानो रोड पर बडासी के पास इस पुल का निर्माण अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से कुछ समय पहले पूरा कर दिया गया था। समिट के लिए पुल का निर्माण पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों का भारी दबाव था। इसके चलते दिन-रात पुल पर निर्माण किया गया। वहीं, एप्रोच रोड पर नौ मीटर तक भरान भी किया गया। इतने गहरे भरान के बाद सतह के नेचुरल कॉम्पैक्शन (प्राकृतिक रूप से सख्त बनाना) के लिए काफी समय चाहिए होता है। जाहिर, है समिट को देखते हुए एप्रोच रोड को इतना समय दिया ही नहीं गया। बताया जा रहा है कि ऊपर से एप्रोच रोड को पक्का तो कर दिया गया, मगर भीतर की मिट्टी कच्ची अवस्था में रह गई। यही कारण है कि एप्रोच रोड इतने कम समय में जवाब दे गई।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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